World News: हूती विद्रोहियों का इजराइल ने निकाल लिया तोड़, इस मुस्लिम मुल्क के जरिए जीत हासिल करने की तैयारी! – INA NEWS

7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद से ही गाज़ा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई जारी है. इजराइली हमलों में गाज़ा में करीब 45 हज़ार से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है और करीब एक लाख लोग घायल हैं.हमास के हमले के जवाब में शुरू हुई इजराइली कार्रवाई ने गाज़ा में आम लोगों की जिंदगी को तबाह कर दिया है. लोगों के पास न रहने को सुरक्षित जगह है और न ही खाने की पर्याप्त व्यवस्था.

उधर गाज़ा में इजराइल के भीषण हमलों के जवाब में लेबनान से हिजबुल्लाह और यमन से हूती विद्रोहियों ने भी अटैक शुरू कर दिए थे, जहां हिजबुल्लाह के साथ लंबे संघर्ष के बाद इजराइल ने युद्धविराम को नवंबर में मंजूरी दे दी थी, तो वहीं वह लगातार यमन के हूती विद्रोहियों का तोड़ निकालने की कोशिश में जुटा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइल अब अपने पड़ोसी इस्लामिक मुल्क के साथ मिलकर यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ जीत हासिल करने की तैयारी कर रहा है.

हूती विद्रोहियों के खिलाफ हमले की तैयारी!

इजराइली सूत्रों ने दावा किया है कि तेल अवीव के दबाव में मिस्र, यमन में अंसारुल्लाह (हूती विद्रोहियों) के खिलाफ बड़ी एयरस्ट्राइक करने की योजना बना रहा है. बुधवार को यमन मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली रिसर्चर्स और तेल अवीव विश्वविद्यालय में दयान केंद्र के सदस्य येहोशुआ मीर लिचर ने एक संदेश में कहा कि हूती विद्रोहियों को रोकने और स्वेज नहर के जरिए राजस्व में आई गिरावट को रोकने के लिए इजराइल के समर्थन से मिस्र के हस्तक्षेप के बारे में ‘गोपनीय जानकारी’ मिली है.

इजराइल के दबाव में मिस्त्र करेगा अटैक?

उन्होंने कहा कि मिस्र की वायु सेना हूती विद्रोहियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई की योजना बना रही है, जिन्होंने मिस्र को काफी नुकसान पहुंचाया है. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय कानून के विशेषज्ञ मोहम्मद महमूद मेहरान ने इस बात पर जोर दिया कि मिस्र को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने का अधिकार है, उन्होंने बताया कि समुद्री नेविगेशन के लिए खतरे, मिस्त्र की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा करते हैं.

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 सहित अंतरराष्ट्रीय कानून देशों को आत्मरक्षा का अधिकार देता है. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि 1982 के समुद्री कानून सम्मेलन में राज्यों के समुद्री मार्गों की रक्षा करने के अधिकार की पुष्टि की गई है और इस बात पर जोर दिया गया है कि मिस्र की कोई भी संभावित कार्रवाई खतरे के पैमाने के अनुपात में और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी सिद्धांतों के अनुरूप होनी चाहिए.

इजराइल-हूती संघर्ष से मिस्त्र को बड़ा नुकसान

दरअसल इजराइल और यमन के हूती विद्रोहियों के बीच भीषण लड़ाई जारी है. इस संघर्ष के परिणामस्वरूप मिस्र को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि स्वेज नहर से होने वाली उसकी आय में 60 फीसदी की गिरावट आई है. मिस्र को होने वाले इस नुकसान का अनुमान लगभग 7 बिलियन डॉलर (करीब 600 अरब रुपये) लगाया गया है. जिसके चलते वर्तमान में मिस्र गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है.

मिस्र में सीरिया जैसे हालात- एक्सपर्ट

वहीं विश्लेषकों का कहना है कि अगर मिस्र में आर्थिक संकट ऐसे ही जारी रहा तो वहां भी सीरिया जैसे हालात हो सकते हैं. 2014 से सत्ता में काबिज राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी की सरकार भी सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की तरह ही गिरने की संभावना है.

मिस्र में महंगाई अपने चरम पर है, जिससे लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी मुश्किल होती जा रही है. मिस्र की करेंसी अपना बाजार मूल्य खो रही है, वहीं कई विश्लेषकों ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए चेतावनी दी है कि मिस्र को सीरिया जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. यानी राष्ट्रपति अल-सिसी को अपना पद छोड़ना पड़ सकता है या उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

यही वजह है कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी ने मित्र देशों के अलावा भारत और सऊदी अरब से भी मदद की अपील की है, क्योंकि उनका देश दिवालिया होने की कगार पर है.

हूती हमलों से मिस्र को अरबों का नुकसान

Middle East Eye की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल और हूती हमलों के चलते दुनिया भर के कमर्शियल शिप स्वेज नहर वाले रूट का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं, जिससे 2024 में मिस्र की कमाई में 60 फीसदी की भारी गिरावट की आशंका है. स्वेज कैनाल अथॉरिटी के अनुसार, यह नुकसान की यह रकम करीब 7 बिलियन डॉलर है. गाजा युद्ध शुरू होने से पहले, दुनिया का 12 फीसदी व्यापार स्वेज कैनाल के जरिए किया जा रहा था. यह नहर मिस्र की अर्थव्यवस्था के लिए ‘लाइफलाइन’ है.

अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल ने हूतियों पर किए हमले

उधर गाज़ा में इजराइली हमलों की शुरुआत के बाद से हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में इजराइल और अमेरिकी व्यापारी जहाजों को निशाना बना रहे हैं. नवंबर 2023 से, हूतियों ने लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर 100 से अधिक हमले किए हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि वह लाल सागर में हमले तब तक नहीं रोकेंगे जब तक कि इजराइल गाज़ा पर हमले बंद नहीं कर देता. इसके चलते जहाज कंपनियों को दक्षिण अफ्रीका का चक्कर लगाना पड़ता है, जो बहुत लंबा, समय लेने वाला और बहुत महंगा रूट है.

हूती विद्रोहियों को रोकने के लिएअमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर कई हमले किए हैं, लेकिन हूती विद्रोही अपने हमलों की तीव्रता को बढ़ाते ही जा रहे हैं. जिसके चलते माना जा रहा है कि अब इजराइल अपने पड़ोसी मिस्र के जरिए अब हूती विद्रोहियों पर लगाम कसने की तैयारी कर रहा है.

हूती विद्रोहियों का इजराइल ने निकाल लिया तोड़, इस मुस्लिम मुल्क के जरिए जीत हासिल करने की तैयारी!


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