World News: राफा पहुंच रहा भारत समेत 50 देशों का काफिला, जानिए क्या है ‘सुमुद कॉन्वो’ जिससे टूटेगा गाजा ब्लॉकेड – INA NEWS

इटली के कैटेनिया से गाजा के लिए रवाना हुए फ्रीडम फ्लोटिला (Freedom Flotilla) को इजराइल द्वारा रोके जाने के बावजूद, 50 से ज्यादा देशों से करीब 2500 लोग गाजा ब्लॉकेड को तोड़ने और फिलिस्तीनियों को ऐड पहुंचाने के लिए निकल चुके हैं. ट्यूनीशिया के नेतृत्व में गाजा के लिए निकले इस वैश्विक मार्च को ‘सुमुद काफिला’ (Sumud Convoy) का नाम दिया गया है, इस अरबी शब्द का अर्थ दृढ़ता (steadfastness) है.

ये कॉन्वो करीब 12 बसों और 100 प्राइवेट कारों के साथ ट्यूनीशिया की राजधानी ट्यूनिस से 9 जून को रवाना हुआ है और करीब 2500 किलोमीटर का सफर कर राफा पहुंचेगा, जो ट्यूनिस से लीबिया होते हुए मिस्र, और फिर वहां से राफा जाएगा. साथ ही दूसरे देशों से शामिल होने वाले एक्टिविस्ट एयर रूट से मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचेंगे और काफिले को जॉइन करेंगे.

आज (12 जून) इस काफिले के मिस्र पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन कुछ खबरों के मुताबिक मिस्र सरकार ने अभी तक इसको देश में एंट्री की परमिशन नहीं दी है. भारत से भी एक छोटे डेलिगेशन की इस वैश्विक मार्च में हिस्सा बनने की उम्मीद है. मीडिया से बात करते हुए मुंबई निवासी सना सैयद, जो भारत से जाने वाले डेलिगेशन को कोऑर्डिनेट और ऑर्गेनाइज में मदद कर रही हैं, ने इसे मानवता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है.

क्या सुमुद कॉन्वो राफा पहुंच पाएंगा?

फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन की ओर से गाजा के लिए समुद्री मार्ग से खाद्य सामग्री, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामान लेकर जा रहे 12 एक्टिविस्टों के दल, जिसमें ज्यादातर यूरोपीय देशों से थे. उनको गाजा से करीब 300 किलोमीटर दूर इजराइल सुरक्षा बलों ने हिरासत में लेकर डिपोर्ट कर दिया है.

ऐसे में इस सुमुद कॉन्वो के भी राफा में दाखिल होने की उम्मीद बहुत कम है, लेकिन इसमें शामिल होने वाले लोगों का मानना है कि वे इसके जरिए दुनिया भर के नेताओं पर दबाव बनाने में कामयाब होंगे कि वह इजराइल के नरसंहार युद्ध को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए.

सुमुद को ट्यूनीशियाई जनरल लेबर यूनियन, नेशनल बार एसोसिएशन, ट्यूनीशियाई लीग फॉर ह्यूमन राइट्स और ट्यूनीशियाई फोरम फॉर इकोनॉमिक एंड सोशल राइट्स का समर्थन प्राप्त है. इसके अलावा अन्य देशों के मानव अधिकार संगठन भी इस मार्च को अपना समर्थन दे रहे हैं.

यह 50 देशों के एक्टिविस्टों और नागरिकों के साथ मिलकर मिस्र पहुंच रहा है, ताकि वे सभी एक साथ राफा तक मार्च कर सकें. निर्धारित रूट के हिसाब से अगर कोई रुकावट नहीं आई तो ये 14-15 जून तर राफा पहुंच सकता है.

गाजा के लिए क्यों निकल पड़े लोग?

गाजा युद्ध की शुरुआत से ही फिलिस्तीनी समर्थक गाजा की दुर्दशा को खत्म करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. 20 महीने पहले जब इजराइल ने गाजा पर हमले शुरू किए थे, तब से ही नागरिकों ने प्रमुख राजधानियों में विरोध प्रदर्शन किए हैं. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी युद्ध रुक नहीं पाया है.

जिसके बाद कई देशों के लोगों ने गाजा का रुख करना शुरू किया है. इन लोगों को मालूम है कि वह गाजा में एंट्री नहीं कर पाएंगे, लेकिन वह कोशिश कर रहे हैं. वहीं सुमुद कॉन्वो को लीबिया फ्यूल पंपों की ओर से फ्री तेल दिया गया, साथ ही जगह-जगह लोगों ने इस काफिले का जोश से स्वागत किया है.

ये कोई पहली बार नहीं है, जब ऐसा हो रहा है. इजराइल की ओर से 2007 से गाजा को एक खुली जेल बनाने के बाद से ही एक्टिविस्ट्स समय-समय इस प्रतिबंध को तोड़ने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन हर बार उनको रोक दिया गया है. हालांकि इतने बड़े पैमाने पर दुनिया भर से लोग पहली बार गाजा जा रहे हैं.

राफा पहुंच रहा भारत समेत 50 देशों का काफिला, जानिए क्या है ‘सुमुद कॉन्वो’ जिससे टूटेगा गाजा ब्लॉकेड


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