World News: लादेन का फैन, जिन्ना का मुरीद और गुमनामी में मौत… कहानी हिटलर के परपोते की – INA NEWS

तानाशाह एडॉल्फ हिटलर के परपोते रोमानो लुकास हिटलर की 72 साल की उम्र में मौत हो गई. जर्मन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपना पूरा जीवन इस दावे के साथ बिताया कि वे हिटलर के परपोते थे और परिवार के आखिरी सदस्य थे, जिनके पास यह उपनाम था. हालांकि, उनके वंश को लेकर संदेह बना रहा और उनके दावे की पुष्टि कभी नहीं हो सकी.
रोमानो लुकास हिटलर का निधन 22 जून 2022 को हुआ, लेकिन वे कई सालों से सार्वजनिक जीवन से दूर थे, जिसके चलते यह खबर अब सामने आई है. जर्मन समाचार पत्र BILD की रिपोर्ट के अनुसार, वे पूर्वी जर्मनी के छोटे से शहर गॉर्लिट्ज में रह रहे थे, जहां की आबादी करीब 50,000 है. वे जीवनयापन के लिए सरकारी सहायता राशि पर निर्भर थे और किसी भी स्थायी नौकरी में अधिक समय तक टिक नहीं सके. उन्होंने कभी शादी नहीं की और उनकी कोई संतान भी नहीं थी, जिससे हिटलर का कथित रक्त संबंध यहीं समाप्त हो गया.
लादेन और मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीरें
रोमानो अपने शहर में एक रहस्यमयी व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे. उनके पड़ोसियों को भी उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. उनके घर को लेकर भी अजीबो-गरीब दावे किए गए हैं. एक पड़ोसी ने BILD को बताया कि उनके अपार्टमेंट की दीवारों पर एडॉल्फ हिटलर, एंजेला मर्केल, ओसामा बिन लादेन और मोहम्मद अली की तस्वीरें लगी थीं. हालांकि, उनके निधन के बाद जब वहां नया किरायेदार आया, तो इन तस्वीरों को पूरी तरह हटा दिया गया.
पहचान को लेकर हमेशा रहे परेशान
रोमानो के मुताबिक, उनके पिता नाजी तानाशाह एडॉल्फ हिटलर के सौतेले भाई एलोइस हिटलर के वंशज थे. उनके आधिकारिक दस्तावेजों में भी हिटलर सरनेम दर्ज था, लेकिन इसके बावजूद उनके दावे की सच्चाई को लेकर हमेशा विवाद बना रहा. उन्होंने एक बार कहा था, ‘यह नाम मेरे लिए एक सजा की तरह है. इसे ढोना आसान नहीं है और मैं यह किसी पर भी थोपना नहीं चाहता.’
विवादों से भरा रहा पूरा जीवन
रोमानो लुकास हिटलर का जीवन विवादों से भी भरा रहा. साल 2019 में उन्हें बाल यौन शोषण के आरोप में दोषी ठहराया गया था. उन्होंने एक 13 साल लड़की को जबरदस्ती चूमा था, जिससे उसके पिता ने जर्मन कोर्ट में मामला दर्ज कराया था. यह मामला सामने आने के बाद वे और भी अधिक गुमनामी में चले गए और अपनी अंतिम सांस तक समाज से कटे रहे.
रोमानो लुकास हिटलर के निधन के साथ ही हिटलर के खानदान का आखिरी व्यक्त भी दुनिया से चला गया. हालांकि, उनके वंश को लेकर विवाद हमेशा बना रहा, लेकिन उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा अपने हिटलर सरनेम के बोझ को उठाते हुए बिताया. उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि इतिहास के कुछ नाम न केवल अपने समय के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी भारी पड़ सकते हैं.
लादेन का फैन, जिन्ना का मुरीद और गुमनामी में मौत… कहानी हिटलर के परपोते की
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