World News: मोसाद के मारक एजेंट…3 वीडियो में देखिए ईरान के खिलाफ इजराइल का सीक्रेट ऑपरेशन – INA NEWS

ईरान और इजराइल के बीच लंबे समय से चल रहे टकराव ने अब एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है. आज शुक्रवार (13 जून) सुबह जो हमला हुआ, वो महज एक आम हमला नहीं, बल्कि एक सर्जिकल मास्टरप्लान था जिसे इजराइल की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी मोसाद ने प्लान किया. उसे अंजाम दिया और आखिर में दुनिया के सामने एक्सपोज भी किया.

वो भी तीन खुफिया वीडियो के जरिए. अब जो ये वीडियो फुटेज सामने आई हैं, वो इस मिशन की परतें खोल रही हैं और बता रही हैं कि कैसे मोसाद के एजेंटों ने ईरान की न्यूक्लियर रीढ़ को चकनाचूर करने का प्लान बनाया था जिसकी कल्पना शायद तेहरान ने भी नहीं की होगी.

ईरान की धरती से ही दागीं मिसाइलें

पहले वीडियो में दो मोसाद एजेंट ईरान के भीतर ही किसी गुप्त लोकेशन से मिसाइल लॉन्च करते दिखाई देते हैं. बताया गया है कि ये मिसाइलें ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम पर दागी गई थीं. मकसद था ईरानी वायुसेना की रीढ़ तोड़ देना ताकि जब इजरायली फाइटर जेट्स हमला करें, तो उन्हें रोकने वाला कोई ना हो.

तेहरान के करीब बना गुप्त ड्रोन बेस, वहीं से हुआ अटैक

इजराइली अधिकारियों का दावा है कि मोसाद ने ईरान के अंदर ही एक सीक्रेट ड्रोन बेस बनाया था, जो पूरी तरह ऑपरेशनल था. इसी बेस से उड़ान भरने वाले ड्रोन ने तेहरान के पास मौजूद बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर्स को तबाह कर दिया. इस हमले ने ईरान की जवाबी हमले की क्षमता को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया.

हथियारों से लैस गाड़ियां, जो छुप-छुपाकर पहुंचाई गईं

इजराइल के सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि देश की खुफिया एजेंसी मोसाद ने शुक्रवार के हमलों से पहले तस्करी के जरिये ड्रोन और अन्य हथियार ईरान भेजे थे, जिनका इस्तेमाल वहां आंतरिक सुरक्षा को निशाना बनाने के लिए किया गया. इन गाड़ियों में लगे सिस्टम ने ईरान के एयर डिफेंस नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया, जिससे इजरायली एयरफोर्स को पूरी तरह एयर सुप्रीमेसी मिल गई.

सुरक्षा से जुड़े दो अधिकारियों ने अपने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर इस बेहद खुफिया मिशन के बारे में बात की. उनके दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करना संभव नहीं है. तीसरे फेज में मोसाद के विशेष कमांडोज ने ईरान के सेंट्रल रीजन में मौजूद एंटी-एयरक्राफ्ट साइट्स के बेहद करीब जाकर प्रिसिशन मिसाइल्स दागीं. इन हमलों से ईरानी सेना का मनोबल हिला और पूरा ऑपरेशन बिना किसी बड़ी रुकावट के अंजाम तक पहुंच गया.

इजराइल का मकसद साफ- ईरान को कमजोर करना

इस बार इजराइल का मकसद केवल मिसाइल साइट्स को उड़ाना नहीं था, बल्कि ईरान की जवाबी कार्रवाई की ताकत को जड़ से खत्म करना था. लिहाजा ईरान की पॉलिसी मेकिंग में शामिल कुछ अहम नेताओं को भी इस ऑपरेशन में निशाना बनाया गया है. मोसाद का यह ऑपरेशन बताता है कि इजराइल ने ईरान की जमीन पर ही उसे मात देने की रणनीति तैयार की थी.

मोसाद के मारक एजेंट…3 वीडियो में देखिए ईरान के खिलाफ इजराइल का सीक्रेट ऑपरेशन


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