World News: मुनीर को हार का ‘इनाम’ या शहबाज ने बचाई अपनी ‘जान’… जानें इस प्रमोशन की इनसाइड स्टोरी – INA NEWS

पाकिस्तान की सत्ता में अक्सर फैसले राजनीति से ज्यादा चालाकी से लिए जाते हैं. असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाना भी ऐसा ही फैसला लगता है. यह एक सैन्य प्रोमोशन से ज्यादा एक राजनीतिक कवच है, जिसे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुनीर को थमाया ताकि वे खुद को अंतरराष्ट्रीय आलोचना से बचा सकें. पहलगाम हमले में मुनीर की भूमिका पर उठे सवाल, पीएम मीटिंग में उनके साथ हुआ इग्नोर, और फिर अचानक से उन्हें सबसे बड़े सैन्य सम्मान से नवाजना यह सब कुछ बताता है कि इस प्रमोशन के पीछे कोई साधारण कारण नहीं है.
असीम मुनीर को पाकिस्तान ने ऐसे वक्त पर फील्ड मार्शल बनाया है, जब पाक में उसकी करारी हार की चर्चाएं तेज है. दरअसल, पहलगाम अटैक में मुनीर की संदिग्ध भूमिका और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान की सेना की साख पर सवाल उठे. पीएम हाउस में हुई मीटिंग्स में असीम मुनीर को नजरअंदाज किया गया था, जिससे उनके हाशिये पर जाने की अटकलें तेज थीं. मगर अचानक उन्हें फील्ड मार्शल बनाना बताता है कि यह इनाम कम और बचाव ज्यादा है. यह पाकिस्तान का एक प्रोपेगेंडा है.
मुनीर के इनाम की इंतजाम
शहबाज शरीफ इस प्रमोशन के जरिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह बताना चाह रहे हैं कि पाकिस्तान ने भारत पर कूटनीतिक या सैन्य जीत हासिल की है. इससे न सिर्फ भारत की जवाबी कार्रवाई को झूठा साबित करने की कोशिश हो रही है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को भ्रमित भी किया जा रहा है. वे यह जताना चाहते हैं कि अगर मुनीर को प्रमोट किया गया है, तो यकीनन उन्होंने कोई बड़ी विजय हासिल की होगी. लेकिन वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान ने लगातार हार का सामना किया. चाहे वो आतंकियों की मौत हो या आतंकी ठिकानों का सफाया.
शहबाज की ‘कुर्सी की मजबूरी’
अंदरखाने में शहबाज शरीफ का असली एजेंडा यह है कि वो इस प्रचार के जरिए पाकिस्तानी अवाम को बहकाकर आगामी चुनाव में अपनी सत्ता को फिर से सुरक्षित करें. वे जानबूझकर यह झूठ गढ़ रहे हैं कि पाकिस्तान ने भारत को जवाब दे दिया और सेना की सफलता की वजह से मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया. यह ‘राष्ट्रीय गर्व’ का झूठा नैरेटिव गढ़कर वे जनता की सहानुभूति पाना चाहते हैं. क्योंकि सच्चाई ये है कि अगर अवाम को हकीकत पता चली, तो शहबाज शरीफ की कुर्सी बचना मुश्किल हो जाएगा.
ऐसे हारा पाकिस्तान…
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कूटनीतिक और सैन्य कार्रवाई की. भारत की सर्जिकल स्ट्राइक में 9 आतंकी ठिकाने तबाह हुए और करीब 100 आतंकियों को मारा गया. पाकिस्तान ने बदले में भारत पर तुर्की के ड्रोन से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस S-400 ने सभी ड्रोन हवा में ही मार गिराए.
इसके बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया में जाकर युद्धविराम की गुहार लगाने लगा. अंततः अमेरिका के हस्तक्षेप और ट्रंप की मध्यस्थता में दोनों देशों के DGMO के बीच सीजफायर पर सहमति बनी. परंतु इस पूरे घटनाक्रम ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर कमजोर कर दिया और उसकी पोल खोल दी. ऐसे में मुनीर का प्रमोशन एक कवर स्टोरी बन गया. जिसे शहबाज सरकार ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए गढ़ा है.
मुनीर को हार का ‘इनाम’ या शहबाज ने बचाई अपनी ‘जान’… जानें इस प्रमोशन की इनसाइड स्टोरी
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