World News: पुतिन के दुश्मनों पर ट्रंप मेहरबान, इस छोटे से देश को देंगे 800 मिसाइलें – INA NEWS

अमेरिका और रूस के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों के बीच ट्रंप प्रशासन ने बाल्टिक देश एस्टोनिया को लगभग 296 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता देने की मंजूरी दी है. इस डील के तहत एस्टोनिया को उन्नत Javelin मिसाइल सिस्टम और लॉन्च यूनिट्स मिलेंगे, जो न केवल उसकी रक्षा क्षमता को बढ़ाएंगे, बल्कि NATO की संयुक्त युद्ध तैयारी में भी मजबूती देंगे. इस कदम को अमेरिका की रूस पर रणनीतिक दबाव बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

अमेरिका के डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) की घोषणा के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन एस्टोनिया को 800 FGM-148F Javelin मिसाइलें देगा. इनमें से 8 टेस्टिंग के लिए होंगी. इसके साथ ही 84 Lightweight Command Launch Units (LwCLUs) भी सौंपे जाएंगे. इस डील में मिसाइलों के अलावा प्रशिक्षण सामग्री, स्पेयर पार्ट्स, सिम्युलेशन राउंड्स, कूलिंग यूनिट्स और तकनीकी व लॉजिस्टिक सहयोग शामिल है.

एस्टोनिया और रूस के संबंध कैसे हैं?

एस्टोनिया रूस की सीमा से सटा एक छोटा लेकिन रणनीतिक रूप से अहम NATO सदस्य देश है. ऐतिहासिक रूप से सोवियत संघ का हिस्सा रहे एस्टोनिया ने स्वतंत्रता के बाद रूस से दूरी बनाई है. हाल के सालों में एस्टोनिया ने रूसी साइबर हमलों और सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंता जताई है. ऐसे में अमेरिका द्वारा उसकी सैन्य ताकत बढ़ाने की यह पहल रूस के लिए एक चेतावनी मानी जा रही है.

अमेरिका-एस्टोनिया डील में क्या-क्या है खास?

यह डील पहले की एक छोटी $10.18 मिलियन की डील पर आधारित है, जिसमें 12 लॉन्च यूनिट्स शामिल थीं. नई डील में पूरा हथियार सिस्टम और सपोर्ट पैकेज शामिल है. Javelin एक फायर एंड फॉरगेट एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम है, जो पोर्टेबल होता है और युद्ध में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए जाना जाता है. यह NATO देशों में व्यापक रूप से इस्तेमाल हो रहा है और यूक्रेन में भी कारगर साबित हुआ है.

रूस पर इस डील का क्या असर पड़ेगा?

रूस पहले ही NATO के विस्तार और पूर्वी यूरोपीय देशों में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप को लेकर असहज है. एस्टोनिया को उन्नत मिसाइल सिस्टम दिए जाने से उसकी सीमा पर अमेरिकी प्रभाव और गहराएगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे रूस की आक्रामक रणनीति पर असर पड़ सकता है और उसे अपनी सैन्य गतिविधियों को सीमित करना पड़ सकता है. यह कदम रूस को जवाब देने का संकेत भी माना जा रहा है.

अमेरिका की रणनीति और बयान क्या कहते हैं?

DSCA का कहना है कि यह डील अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के अनुरूप है, क्योंकि यह यूरोप में स्थिरता और आर्थिक प्रगति में भूमिका निभा रहे एक महत्वपूर्ण NATO सहयोगी को सुरक्षा दे रही है. यह डील एस्टोनिया की मौजूदा और भविष्य की धमकियों से निपटने की क्षमता को भी बढ़ाएगी. अमेरिका को उम्मीद है कि इससे NATO की सैन्य तैयारियों में एकजुटता आएगी.

पुतिन के दुश्मनों पर ट्रंप मेहरबान, इस छोटे से देश को देंगे 800 मिसाइलें


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