World News: बांग्लादेश की राजधानी में देशभर से पहुंच रहे छात्र, यूनुस सरकार से की ये मांग – INA NEWS

बांग्लादेश में एक बार फिर छात्रों के आंदोलन की सुगबुगाहट सुनाई पड़ रही है. राजधानी ढाका में हो रहे ‘मार्च फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए देशभर से छात्र सेंट्रल शहीद मीनार पहुंच रहे हैं. भेदभाव-रोधी छात्र आंदोलन (ADSM) समूह की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

ढाका यूनिवर्सिटी के कैंपस की ओर बढ़ते हुए छात्र जुलाई में हुए आंदोलन के दौरान मारे गए छात्रों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे. कार्यक्रम में शामिल होने आए छात्रों ने जमकर नारेबाज़ी की और सवाल उठाया है कि आंदोलन के दौरान सैकड़ों लोग मारे गए लेकिन उनके हत्यारे आजाद क्यों हैं?

देश भर से शहीद मीनार पहुंच रहे छात्र

आयोजकों का कहना है कि कार्यक्रम की घोषणा देर से होने के चलते दूर-दराज के क्षेत्रों के छात्रों को आने में देरी हो रही है. मंगलवार की सुबह से छात्र खागराछारी, बंदरबन, नाटोर, नौगांव और पंचगढ़ समेत कई जिलों से वाहनों के जरिए शहीद मीनार पहुंच रहे हैं. मंगलवार को ही भेदभाव-रोधी छात्र आंदोलन समूह ने राजधानी के रुपायन टावर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ‘मार्च फॉर यूनिटी’ का ऐलान किया था.

जुलाई क्रांति की घोषणा जरूरी- छात्र नेता

छात्र आंदोलन समूह के सचिव आरिफ सोहेल ने लिखित भाषण में कहा कि, हजारों शहीदों और घायलों के त्याग को पहचान देने और लोगों की आकांक्षाओं के दस्तावेजीकरण के लिए जुलाई क्रांति की घोषणा जरूरी है. ADSM के लीडर्स के मुताबिक, आंदोलन के दौरान घायल हुए और मारे गए लोगों के परिवार को लेकर आने वाली बसों को ही ढाका यूनिवर्सिटी के परिसर में आने की इजाजत होगी, बाकी की बसों को शेर-ए-बांग्ला नगर के ओल्ड ट्रेड फेयर ग्राउंड में रुकना होगा.

शहीद मीनार में ‘मार्च फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम

मंगलवार की सुबह शहीद मीनार क्षेत्र में कार्यक्रम की अंतिम तैयारियां देखी गईं. सुबह के सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ जुलाई में हुए आंदोलन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी, जिसके लिए आयोजकों ने अलग-अलग स्थानों पर बड़ी स्क्रीन लगाई गई है.

जुलाई में हुए छात्र आंदोलन के बारे में जानिए

बांग्लादेश में जून के अंत में शुरू हुआ आरक्षण विरोधी आंदोलन जुलाई के मध्य में हिंसक हो गया. छात्रों का आरोप था कि अवामी लीग समर्थित छात्र समूह और पुलिस उनके आंदोलन को रोकने के लिए टारगेटेड हमले कर रहे हैं. इस दौरान सैकड़ों लोगों की जान गई. वहीं आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन अगस्त आते-आते शेख हसीना सरकार के खिलाफ हो गया. आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के लिए इंसाफ की मांग करते हुए छात्र, शेख हसीना का इस्तीफा मांगने लगे. जिसके बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और वह अपनी जान बचाकर भारत आ गईं.

शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सेना ने मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता में अंतरिम सरकार का गठन किया था. यूनुस सरकार में शेख हसीना के खिलाफ 200 से ज्यादा केस दर्ज किए जा चुके हैं लेकिन जब तक वह दिल्ली में हैं तब तक बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के लिए उन्हें ढाका वापस लाना और अदालत में आपराधिक केस चलाना आसान नहीं होगा.

बांग्लादेश की राजधानी में देशभर से पहुंच रहे छात्र, यूनुस सरकार से की ये मांग


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