World News: जिस नेता से ट्रंप के हाथ मिलाने की पूरी दुनिया में चर्चा, जानें वो कैसे बना था आतंक की दुनिया का खूंखार खलनायक – INA NEWS

मिडिल ईस्ट की राजनीति में एक ऐसा नाम दोबारा सुर्खियों में है, जो कभी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का प्रतीक माना जाता था. अबू मोहम्मद अल-जोलानी. सीरिया का वही चेहरा जिसने अल-कायदा की छत्रछाया में आतंक की इमारत खड़ी की, आज खुद को एक ‘राजनीतिक नेता’ के रूप में पेश कर रहा है. और अब उसकी पहचान सिर्फ सीरिया या जिहाद तक सीमित नहीं रही. जब उसने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हाथ मिलाया. इतना ही नहीं, साऊदी में ट्रंप ने तो सीरिया के प्रतिबंध को हटाने का भी ऐलान कर दिया. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी था. आखिर कौन है ये जोलानी, और कैसे वह आतंक से “राजनीति” की ओर बढ़ा?
अबू मोहम्मद अल-जोलानी का असली नाम अहमद अल-शराआ है, और वह 1982 में सीरिया की राजधानी दमिश्क के एक अमीर परिवार में पैदा हुआ. बचपन से ही उसे पढ़ाई और आधुनिक जीवनशैली मिली, लेकिन 9/11 के हमलों के बाद उसकी सोच में कट्टरता आई. वह गुप्त धार्मिक बैठकों और उपदेशों का हिस्सा बना, और फिर अमेरिका द्वारा इराक पर हमले के बाद वह वहां पहुंचा. जोलानी ने अबू मुसाब अल-जरकावी के नेतृत्व वाली इराकी अल-कायदा में शामिल होकर आतंक के रास्ते पर पहला कदम रखा.
जेल से निकलते ही सीरियाई विद्रोह का चेहरा
जोलानी को इराक में गिरफ्तार कर लिया गया था, और पांच साल तक वह जेल में रहा. लेकिन 2011 में सीरिया में बशर अल-असद के खिलाफ विद्रोह शुरू हुआ, तो उसने वापसी की. इसी दौरान उसने ‘अल-नुसरा फ्रंट’ नामक संगठन की स्थापना की, जो सीरिया में अल-कायदा की शाखा बन गया. दो साल बाद जब इस्लामिक स्टेट उभर रहा था, तो उसने बगदादी के प्रति निष्ठा दिखाने से इनकार कर दिया और अल-जवाहिरी के प्रति वफादारी जताई. यही वह मोड़ था, जब जोलानी ने खुद को “भिन्न विचारधारा” वाला आतंकी साबित करने की कोशिश शुरू की.
कट्टरता से कूटनीति तक का दिखावा
2016 में जोलानी ने दावा किया कि वह अल-कायदा से अलग हो गया है. इसके बाद उसने अपने संगठन ‘हयात तहरीर अल-शाम’ (HTS) को एक स्थानीय शासन के रूप में पेश किया, खासतौर पर इदलिब प्रांत में. उसने पगड़ी की जगह सेना की ड्रेस पहननी शुरू की, टीवी इंटरव्यू दिए और खुद को सीरियाई जनता का ‘संरक्षक’ बताया. 2021 में PBS को दिए इंटरव्यू में उसने यहां तक कहा कि उसका असली नाम अहमद अल-शराआ है और वह गोलन हाइट्स से निकाले गए परिवार का वंशज है.
HTS का नियंत्रण और मानवाधिकार हनन के आरोप
HTS ने इदलिब में अपनी छद्म सत्ता कायम कर ली, लेकिन इसकी राह आसान नहीं थी. जोलानी ने अपने विरोधी गुटों को कुचल दिया और स्थानीय प्रशासन पर शिकंजा कस लिया. हालांकि, इस दौरान HTS पर नागरिकों पर अत्याचार, विरोधियों को जेल में डालने और अल्पसंख्यकों को डराने के गंभीर आरोप लगे. संयुक्त राष्ट्र ने इसे युद्ध अपराध करार दिया है. बावजूद इसके, जोलानी लगातार कोशिश कर रहा है कि वह एक जिम्मेदार राजनीतिक नेता के रूप में देखा जाए.
ट्रंप से बातचीत की अटकलें और अंतरराष्ट्रीय नजरिया
हाल ही में जोलानी की ओर से पश्चिमी मीडिया को दिए गए बयानों और “उदार” रुख को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि वह अमेरिका, खासकर ट्रंप जैसे नेताओं के लिए एक संभावित संपर्क बन सकता है. विश्लेषकों का मानना है कि यह रणनीतिक बदलाव है. सच्चा नहीं, लेकिन समयानुकूल. थिंक टैंक सेंचुरी इंटरनेशनल के रिसर्चर आरोन लुंड कहते हैं कि “अगर जोलानी खुद को एक जिम्मेदार चेहरा साबित करता है, तो अंतरराष्ट्रीय चिंता कम होगी और उसकी राह आसान हो जाएगी.”
आतंकी और फिर एक राजनीतिक अभिनेता
अबू मोहम्मद अल-जोलानी की यात्रा, एक संपन्न युवक से कट्टर आतंकी और फिर एक राजनीतिक अभिनेता तक की, मध्य पूर्व की जटिल राजनीति का प्रतीक बन चुकी है. जिस नेता से कभी अमेरिका लड़ रहा था, अब अगर वही अमेरिकी कूटनीति का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा है, तो यह सिर्फ जोलानी की चालाकी नहीं, बल्कि वैश्विक सत्ता संतुलन का भी संकेत है. ट्रंप से हाथ मिलाने की चर्चाओं ने न सिर्फ उसकी छवि पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी सोचने को मजबूर किया है कि आतंक और राजनीति के बीच की दीवार कितनी पतली होती जा रही है.
जिस नेता से ट्रंप के हाथ मिलाने की पूरी दुनिया में चर्चा, जानें वो कैसे बना था आतंक की दुनिया का खूंखार खलनायक
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,