World News: अपने खून से 24 लाख बच्चों की जान बचाने वाला शख्स नहीं रहा, 100-200 नहीं हजारों बार डोनेट किया था ब्लड – INA NEWS
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‘मौत बरहक़ है’, एक न एक दिन आनी ही है… लेकिन बात जब है कि किसी की मौत होने पर दुनिया उसे याद रखे. कई ऐसे लोग होते हैं जो अपने अमाल यानी कर्म से दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना लेते हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं जेम्स हैरीसन, जिनका निधन हो गया. वो 88 साल के थे. भले ही अब वो हमारे बीच नहीं है लेकिन अपने दरियादिली और नेक काम के जरिए वो हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे.
द मैन विद द गोल्डन आर्म के नाम से मशहूर ऑस्ट्रेलिया के जेम्स हैरीसन ने अपनी जिंदगी में 1173 बार ब्लड डोनेट कर 24 लाख बच्चों की जान बचाई. यही बात उन्हें औरों से अलग बनाती थी. रक्त दान महादान ये शब्द तो आपने सुना ही होगा. जेम्स ने इस महादान को सारी जिंदगी किया और लाखों बच्चों को नई जिंदगी दी. जेम्स चले गए लेकिन बच्चों की रंगों में दौड़ता खून उन्हें हमेशा के लिए अमर कर गया.
1173 बार ब्लड डोनेट कर बचाई 24 लाख बच्चों की जान
जेम्स हैरीसन ने अपनी सारी जिंदगी रक्तदान को समर्पित कर दी. उन्होंने अपनी जिंदगी में 1173 बार ब्लड डोनेट करके 24 लाख बच्चों की जान बचाई. लेकिन इस महान शख्सियत ने दुनिया को अलविदा कह दिया. 17 फरवरी को न्यू साउथ वेल्स के एक नर्सिंग होम में उन्होंने आखिरी सांस ली जब वो सो रहे थे. लेकिन उनके परिवार ने सोमवार (3 मार्च) को निधन जानकारी दी.
दुनिया का सबसे बड़ा रक्त और प्लाज्मा दानकर्ता
जेम्स को दुनिया का सबसे बड़ा रक्त और प्लाज्मा दानकर्ता कहा जाता है, क्योंकि उनके प्लाज्मा के जरिए लाखों बच्चों की जान बचाई जा चुकी है. लोग जेम्स हैरीसन प्यार से ‘सुनहरे हाथ वाला आदमी’ कहकर पुकारते थे. उनके खून में एक दुर्लभ प्रकार की एंटीबॉडी मौजूद थी, जिसे एंटी-D कहा जाता है. उनके ब्लड प्लाज्मा में एक रेयर एंटीबॉडी थी. इससे रीसस नाम की बीमारी से प्रभावित गर्भवती महिलाओं के लिए एंटी-D नाम के इंजेक्शन बनाए जाते थे, जिससे उनका अपना खून उनके अजन्मे बच्चे पर हमला न करे.
18 साल की उम्र में पहली बार किया रक्तदान
14 साल की उम्र में सर्जरी करवाने के बाद जेम्स डोनर बन गए. दरअसल इसी उम्र में जेम्स का सीने का ऑपरेशन हुआ था. इसके लिए उन्हें 13 यूनिट खून चढ़ाया गया. उस समय औरों के खून के जरिए ही उनकी जान बची थी. बस यही वो वक्त था कि जेम्स ने संकल्प ले लिया कि वह बड़े हो कर रक्तदान करेंगे . इसके 4 साल बाद यानी 18 साल में पहली बार रक्तदान किया.
2005 में जेम्स के नाम सबसे ज्यादा रक्तदान करने का रिकॉर्ड बना
उन्होंने 1954 में 18 साल की उम्र में ब्लड डोनेट करना शुरू किया और 81 साल की उम्र तक हर दो हफ्ते बाद रक्तदान करते रहे. साल 2005 में जेम्स के नाम सबसे ज्यादा रक्तदान करने का रिकॉर्ड बना जो 17 साल बाद 2022 में जाकर टूटा. जेम्स के इस रिकॉर्ड को एक अमेरिकी शख्स ने तोड़ा था. जेम्स हमेशा कहा करते थे कि उन्हें इतने सारे बच्चों की जान बचाने पर गर्व महसूस होता है.
एंटीबॉडी गर्भवती माताओं की दवा बनाने में इस्तेमाल होती है
हैरिसन के खून में मौजूद एंटीबॉडी गर्भवती माताओं की दवा बनाने में इस्तेमाल होती है. एंटी-D टीके अजन्मे शिशुओं को भ्रूण और नवजात शिशु के हेमोलिटिक रोग (HDFN) नामक घातक विकार से बचाते हैं. जेम्स की बेटी और पोते-पोतियों को उनके खून से बना सीरम मिला. आज तक वैज्ञानिक पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं कि जेम्स के खून में ऐसे दुर्लभ एंटीबॉडी क्यों थे.
अपने खून से 24 लाख बच्चों की जान बचाने वाला शख्स नहीं रहा, 100-200 नहीं हजारों बार डोनेट किया था ब्लड
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