World News: इंग्लैंड में बदल गए कामकाज के नियम, भारतीय छात्रों के लिए ही नहीं इन लोगों के लिए भी खतरा – INA NEWS

हर देश में जब आप कामकाज करने जाते हैं तो उस के कुछ नियम होते हैं. हालांकि, अब इंग्लैंड में कामकाज के नियम बदल गए हैं, ब्रिटेन सरकार ने सोमवार को लीगल इमिग्रेशन को प्रतिबंधित करने के लिए व्यापक सुधारों की घोषणा की, जिसका भारतीय नागरिकों पर भी काफी असर पड़ने वाला है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने अपने इमिग्रेशन व्हाइट पेपर की घोषणा करते हुए कहा कि ब्रिटेन अजनबियों का आईलैंड बनने का जोखिम उठा रहा है और इमिग्रेशन के विस्फोट ने “हमारे देश को जो नुकसान पहुंचाया है, उसकी गणना नहीं की जा सकती. इसी के चलते अब बदलाव किए गए हैं.
इमिग्रेशन में किए गए बदलाव
पेपर में बताया गया है कि हाल के सालों में देश में गैर-यूरोपीय संघ के नागरिकों के कम-कुशल प्रवासन (Lower-Skilled Migration) में बढ़ोतरी हुई है और कम-रैंक वाले यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट की तादाद में भी बढ़ोतरी हुई है. इसमें कहा गया है कि देश चाहता है कि वो ब्रिटेन के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दें और देश में विदेशी भर्ती को कम किया जाए.
क्या बदलाव हुए?
ब्रिटेन में अब से सिर्फ डिग्री वाले लोग ही कुशल श्रमिक वीजा (Skilled Worker) के लिए पात्र होंगे. वहीं दूसरी तरफ ग्रेजुएशन वीजा जो छात्रों को देश में ग्रेजुएशन होने के बाद काम करने की इजाजत देता है, उसे 2 साल से घटाकर 18 महीने कर दिया जाएगा. साथ ही स्वास्थ्य और देखभाल कार्यकर्ता वीजा, जो विदेशी नागरिकों को देखभाल क्षेत्र में काम करने की अनुमति देता है उसको समाप्त किया जाएगा.
विदेशी नागरिक तब तक बसने या नागरिकता के लिए पात्र नहीं होंगे जब तक कि वो ब्रिटेन में 10 साल से लेकर पांच साल तक नहीं रह चुके हों और सभी वीजा रूट पर अंग्रेजी भाषा की सख्त नई जरूरतें होंगी. यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, अगर आप यूके में रहना चाहते हैं, तो आपको इंग्लिश बोलनी चाहिए. यह तो कॉमन सेंस है.
स्किल्ड वरकर्स को स्पोनसर करने वाले नियोक्ताओं पर लगाए जाने वाले आप्रवासन कौशल शुल्क में 32% की बढ़ोतरी की जाएगी. इससे स्किल्ड वरकर्स को नियुक्त करने में गिरावट दर्ज की जा सकती है. साथ ही सभी कुशल श्रमिक वीजा के लिए वेतन सीमा में बढ़ोतरी की जाएगी.
किन लोगों के लिए खतरा?
पिछले साल भारतीयों को सबसे अधिक संख्या में कुशल (skilled) और स्वास्थ्य और देखभाल कार्यकर्ता वीजा दिए गए (health and care worker visas), और दूसरे सबसे अधिक संख्या में स्टडी वीजा दिए गए. भारत के बाद, यूके में सबसे अधिक कुशल श्रमिक वीजा देने वाली शीर्ष पांच गैर-यूरोपीय संघ की राष्ट्रीयताएं नाइजीरिया, चीन, पाकिस्तान, जिम्बाब्वे और अन्य हैं।
कौन लोग नहीं होंगे प्रभावित?
हालांकि, इन बदलाव के आने के बाद भी जो लोग पहले से ही स्किल्ड वीजा पर काम कर रहे हैं वो इससे तब तक प्रभावित नहीं होंगे जब तक वो अपना रूट स्विच नहीं करते हैं. यूके सिर्फ 2028 तक स्वास्थ्य और देखभाल कार्यकर्ता वीजा पर देश में पहले से मौजूद लोगों के लिए वीजा विस्तार और इन-कंट्री स्विचिंग की इजाजत देगा. व्हाइट पेपर ने विदेशों से भर्ती करने वाली देखभाल कंपनियों के श्रमिकों के शोषण और दुर्व्यवहार पर रूट बंद करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, हमने छात्र वीजा का दुरुपयोग और शोषण देखा है, जहां पढ़ाई पूरी करने के इरादे के बिना यूके में रहने और काम करने के लिए वीजा का इस्तेमाल सिर्फ एंट्री गेट के रूप में किया जाता है और अपने सिलेबस के अंत में छात्रों की ओर से शरण के दावों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इसके अलावा, बहुत से ग्रेजुएट लोगों को अपनी पढ़ाई के पूरे होने के बाद यूके में रहने की इजाजत दी गई है, वो ग्रेजुएशन लेवल रोल में नहीं जा रहे हैं जिसके लिए ग्रेजुएशन वीजा रूट बनाया गया था.
पेपर में कहा गया है कि यूके इसके बजाय अपने उच्च प्रतिभा वाले मार्गों जैसे ग्लोबल टैलेंट वीज़ा और हाई पोटेंशियल इंडिविजुअल रूट पर अधिक लोगों को आकर्षित करना चाहता है.
यूके में कितने भारतीय छात्र?
भारतीय विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक यूके में 369000 एनआरआई रहते हैं. वहीं, भारतीय मूल के 1495318 लोग रहते हैं. यूके में कुल 1864318 भारतीय रहते हैं. वहीं, छात्रों की संख्या की बात करें तो शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में साल 2024 में दिसंबर में बताया था कि यूके में 136,921 छात्र पढ़ने के लिए जाते हैं.
इंग्लैंड में बदल गए कामकाज के नियम, भारतीय छात्रों के लिए ही नहीं इन लोगों के लिए भी खतरा
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