World News: इन 5 देशों में लिखी जा रही एर्दोआन के तख्तापलट की स्क्रिप्ट, खुलासे से तुर्की में हड़कंप – INA NEWS

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोआन की सत्ता के खिलाफ एक बार फिर तख्तापलट की स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है. वो भी देश के बाहर बैठकर. 2016 में नाकाम तख्तापलट की कोशिश के पीछे रही फेतुल्लाह टेरर ऑर्गनाइज़ेशन (FETÖ) एक बार फिर से एक्टिव हो रही है. तुर्की में हालिया छापेमारी में इसका बड़ा नेटवर्क सामने आया है, जो छात्रों को ब्रेनवॉश करने के लिए विदेशी टूर का सहारा ले रहा था.
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस साजिश की स्क्रिप्ट बाल्कन क्षेत्र के पांच देशों बोस्निया, मोंटेनेग्रो, नॉर्थ मैसेडोनिया, अल्बानिया और एक अन्य देश में लिखी जा रही थी. तुर्की की जांच एजेंसियों को पता चला है कि FETÖ संगठन ने छात्रों को बाल्कन देशों में ले जाकर ब्रेनवॉश करने की योजना बनाई थी. छात्रों को धार्मिक शिक्षा के नाम पर इन देशों की सैर करवाई जाती थी. वहां एक हफ्ते तक उन्हें संगठन की विचारधारा से जोड़ा जाता था. अल्बानिया गए एक छात्र ने कबूल किया कि उसे जुलाई 2024 में एक धार्मिक ट्रिप का झांसा दिया गया, लेकिन वहां जाकर पता चला कि ये पूरा कार्यक्रम FETÖ के लोगों की तरफ से आयोजित था.
47 प्रांतों में चली छापेमारी, 225 गिरफ्तार
हाल ही में हुई बड़ी कार्रवाई में तुर्की की पुलिस ने 47 प्रांतों में छापेमारी कर 225 संदिग्धों को हिरासत में लिया. ये अभियान 2016 के तख्तापलट में मारे गए पुलिस प्रमुख ओंदर गुज़ेल के नाम पर चलाया गया था. जांच में पाया गया कि संगठन के सदस्य लंबे समय से छात्रों पर नजर रख रहे थे और धीरे-धीरे उन्हें अपनी विचारधारा में फंसाने की कोशिश कर रहे थे. एक डेटाबेस भी बनाया गया था, जिसमें संभावित भर्ती और भविष्य में संगठन से अलग होने वाले लोगों को टैग किया जाता था.
छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन से फंडिंग का खेल
FETÖ संगठन की फंडिंग का भी खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया कि संगठन छोटे-छोटे कैश ट्रांजेक्शन के जरिए पैसों को ट्रैक होने से बचा रहा था. इसके जरिए विदेशी नेटवर्क को सपोर्ट किया जा रहा था. FETÖ के मुखिया फेतुल्लाह गुलन की अक्टूबर 2024 में मौत के बाद संगठन में नेतृत्व को लेकर घमासान मचा हुआ है. अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में बैठे 12 शीर्ष सदस्यों के बीच शक्ति संघर्ष चल रहा है. इसका असर संगठन के निचले स्तर तक पड़ा है और फंडिंग में भी दिक्कतें आ रही हैं.
अब भी मौजूद हैं स्लीपर सेल
2016 के बाद से तुर्की ने FETÖ के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है और इसके कई नेटवर्क खत्म कर दिए गए हैं. लेकिन अब भी देश के कई संस्थानों सेना, पुलिस और न्यायपालिका में इसके स्लीपर सेल एक्टिव हैं. 2024 में ही संगठन से जुड़े सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें कुछ देश छोड़कर भागने की फिराक में थे.
इन 5 देशों में लिखी जा रही एर्दोआन के तख्तापलट की स्क्रिप्ट, खुलासे से तुर्की में हड़कंप
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