World News: पाकिस्तान में मुर्गे पर महासंग्राम! चिकन पर शहबाज शरीफ के इस कदम ने बिगाड़ा इफ्तार का स्वाद – INA NEWS

पाकिस्तान में रमजान के दौरान मुर्गे की कीमत को लेकर हंगामा मच गया है. शहबाज शरीफ सरकार ने चिकन की कीमत 400 रुपये प्रति किलो तय करने का फरमान जारी किया है. हालांकि ये फैसला इफ्तार का स्वाद बढ़ा सकता था. लेकिन खुदरा दुकानदारों और पोल्ट्री विक्रेताओं ने इसे मानने से इनकार कर दिया है. दुकानदारों का कहना है कि मौजूदा बाजार दरों के हिसाब से उन्हें कम से कम 700 रुपये किलो की दर से मुर्गा बेचना पड़ेगा, तभी उन्हें कोई फायदा होगा. इस फैसले के खिलाफ पोल्ट्री व्यापारी गुरुवार से देशभर में हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. अब इस हड़ताल से इफ्तार का स्वाद बिगड़ गया.
सिंध पोल्ट्री एंड रिटेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राव मोहम्मद अफजल ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों का पालन खुद पोल्ट्री फार्म नहीं कर रहे. उनका आरोप है कि पोल्ट्री फार्म 490 रुपये किलो की दर से जिंदा मुर्गे की आपूर्ति कर रहे हैं, जबकि सरकार ने इसे 400 रुपये किलो पर रखने का आदेश दिया है. ऐसे में जब खुदरा विक्रेताओं को चिकन 780 रुपये प्रति किलो की लागत पर मिल रहा है, तो वे इसे 640 रुपये या उससे कम पर कैसे बेच सकते हैं?
फार्म मालिकों का दबदबा
व्यापारियों ने स्थानीय प्रशासन पर भी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. अफजल ने कहा कि प्रशासन छोटे दुकानदारों पर भारी जुर्माने लगा रहा है, लेकिन पोल्ट्री फार्म मालिकों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा. उन्होंने दावा किया कि बड़े पोल्ट्री व्यापारी जानबूझकर स्टॉक रोक रहे हैं ताकि कृत्रिम तरीके से बाजार में मुर्गे की कमी दिखाई जा सके और दाम बढ़ाए जा सकें.
पोल्ट्री विक्रेताओं का ऐलान
इस विवाद को लेकर सिंध के पोल्ट्री विक्रेताओं ने ऐलान किया है कि जब तक सरकार पोल्ट्री फार्म मालिकों को सरकारी दरों पर आपूर्ति के लिए मजबूर नहीं करती, तब तक चिकन की बिक्री बंद रहेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को इस संकट का हल निकालना होगा, वरना यह आंदोलन पूरे पाकिस्तान में फैल सकता है.
बढ़ती कीमतों से जनता परेशान
रमजान के दौरान चिकन की बढ़ती कीमतों से आम जनता पहले ही परेशान है. एक ओर सरकार सस्ती दरों पर चिकन बेचने का दावा कर रही है, वहीं बाजार में असलियत कुछ और ही है. कई शहरों में चिकन की कीमत 750 से 800 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो गया है.
पोल्ट्री कारोबारियों की हड़ताल
पोल्ट्री कारोबारियों की हड़ताल से आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं. अगर चिकन की आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो गई, तो कीमतों में और इजाफा होने की आशंका है. सरकार अब तक इस मामले में कोई ठोस समाधान निकालने में नाकाम रही है, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शहबाज शरीफ सरकार इस संकट से कैसे निपटती है. क्या वह पोल्ट्री फार्म मालिकों पर सख्त कार्रवाई करेगी या खुदरा विक्रेताओं को राहत देने के लिए कीमतों में बदलाव करेगी? फिलहाल, पाकिस्तान में चिकन पर जारी यह महासंग्राम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.
पाकिस्तान में मुर्गे पर महासंग्राम! चिकन पर शहबाज शरीफ के इस कदम ने बिगाड़ा इफ्तार का स्वाद
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