World News: इधर शांतिदूत बनने की कोशिश में ट्रंप, उधर बना रहे दुनिया का सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट – INA NEWS

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक ओर दुनिया में शांति और स्थिरता की बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर उनकी सरकार ने अब तक के सबसे ताकतवर फाइटर जेट F-47 के निर्माण की मंजूरी दे दी है. इस फाइटर जेट को बनाने का ठेका अमेरिका की प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी बोइंग को दिया गया है.
यह विमान अमेरिकी वायुसेना के वर्तमान F-22 रैप्टर की जगह लेगा और इसमें कई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. ट्रंप प्रशासन का यह कदम दिखाता है कि अमेरिका आने वाले समय में हवाई युद्ध क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है.
बोइंग को मिला बड़ा रक्षा सौदा
शुक्रवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने घोषणा की कि नेक्स्ट जनरेशन एयर डॉमिनेंस (NGAD) प्रोग्राम के तहत इस हाई-टेक फाइटर जेट के निर्माण का ठेका बोइंग को दिया गया है. इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य F-22 स्टील्थ फाइटर जेट को बदलने के लिए एक अधिक शक्तिशाली और आधुनिक लड़ाकू विमान तैयार करना है.
यह नया विमान ड्रोन के साथ मिलकर काम करने में सक्षम होगा, जिससे अमेरिका की हवाई युद्ध रणनीति और मजबूत होगी. हालांकि, ट्रंप ने इस सौदे की कुल लागत को गोपनीय रखा और कहा कि सुरक्षा कारणों से इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.
अमेरिका के रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी
अमेरिका लंबे समय से अपने सैन्य खर्च को नियंत्रित करने की बात कर रहा था, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसे और बढ़ावा दे दिया है. 2024 में इस प्रोजेक्ट को लागत बढ़ने के कारण रोक दिया गया था, लेकिन अब इसे फिर से शुरू किया गया है. अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, NGAD प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले इस नए विमान की कीमत 300 मिलियन डॉलर प्रति यूनिट तक हो सकती है, जो वर्तमान में अमेरिकी वायुसेना के पास मौजूद कई अन्य विमानों से काफी महंगा है.
ट्रंप प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने का निर्णय लेने से पहले एक अध्ययन भी कराया, जिसमें पाया गया कि अमेरिका को भविष्य में भी हवाई युद्ध में बढ़त बनाए रखने के लिए इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना जरूरी है.
बोइंग के लिए राहत की खबर
बोइंग के लिए यह सौदा एक बड़ी राहत की खबर लेकर आया है, क्योंकि पिछले साल कंपनी को लंबी हड़ताल और सुरक्षा मुद्दों के चलते भारी नुकसान झेलना पड़ा था. इस प्रोजेक्ट के मिलने से कंपनी को आर्थिक मजबूती मिलेगी और वह अमेरिका के रक्षा क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत कर सकेगी. F-47 के विकास से नई नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे और अमेरिका में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.
F-47 फाइटर जेट की विशेषताएं
F-47 फाइटर जेट को खासतौर पर सुपरक्रूज तकनीक के साथ तैयार किया जाएगा, जिससे यह बिना आफ्टरबर्नर के भी सुपरसोनिक गति से उड़ान भर सकेगा. इसके अलावा इसमें स्टील्थ तकनीक को और बेहतर बनाया जाएगा, जिससे यह दुश्मन के राडार सिस्टम को चकमा देने में सक्षम होगा. यह विमान भविष्य के हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ड्रोन स्क्वाड्रन के साथ समन्वय बनाकर काम कर सकेगा. इस प्रोजेक्ट को अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ हवाई युद्धक्षेत्र में गेम-चेंजर बता रहे हैं.
शांति की बात, लेकिन असलियत कुछ और?
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में दुनिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया था, लेकिन अमेरिका के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि वह अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रहा है. अमेरिका द्वारा इतना महंगा और उन्नत लड़ाकू विमान बनाने का फैसला यह संकेत देता है कि वह किसी भी संभावित खतरे के लिए खुद को तैयार कर रहा है. सवाल यह भी उठ रहा है कि जब अमेरिका दुनिया के अन्य देशों से सैन्य खर्च कम करने की अपील करता है, तो वह खुद इतना बड़ा रक्षा सौदा क्यों कर रहा है?
इधर शांतिदूत बनने की कोशिश में ट्रंप, उधर बना रहे दुनिया का सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट
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