World News: ट्रंप ‘नीति’ को झटका, अलास्का पर रूसी दावा! क्या यूरोप में रूस-अमेरिका में शुरू हो सकता है विनाशक युद्ध? – INA NEWS

यूक्रेन को लेकर रूस-अमेरिका में टकराव बढ़ता जा रहा है क्योंकि ट्रंप युद्धविराम का दिखावा करके युद्ध की तैयारी में जुट गए हैं. जबकि पलटवार के लिए रूस ने भी ब्लूप्रिंट बना लिया है. रूस अब बाल्टिक से आर्कटिक तक नाटो की घेराबंदी कर रहा है. जबकि अलास्का को वापस लेने के लिए अमेरिका से भी टकराने को तैयार है. जबकि ट्रंप ने नाटो के सैन्य ठिकाने वॉर रेडी करने का फरमान जारी कर दिया है. युद्ध के लिए सीक्रेटली हथियार पहुंचाए जा रहे हैं. यानी यूरोप में रूस-अमेरिका में विनाशक युद्ध शुरू हो सकता है. इसका दायरा नॉर्थ अमेरिका के अलास्का तक पहुंच सकता है.

डोनाल्ड ट्रंप अब इसी ब्लूप्रिंट पर काम कर रहे हैं. माना जा रहा है कि ट्रंप युद्धविराम की कोशिश सिर्फ इसलिए कर रहे हैं, जिससे रूस पर हमले की तैयारी का वक्त मिल जाए. एक डिफेंस बेवसाइट ने स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं, जिसमें दिख रहा है अमेरिका से कोलंबस एयर फोर्स स्टेशन से पोलैंड के रेजजोव कार्गो हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी. तीन बोइंग कार्गो प्लेन रात में पोलैंड के हवाई अड्डे पर लैंड किए, जिसमें हाइटेक हथियारों की खेप बताई जा रही है.

ट्रंप ने यूक्रेन की मदद रोकी नहीं

कई डिफेंस एक्सपर्ट दावा कर रहे हैं… पोलैंड पहुंचे हथियार यूक्रेन को अमेरिका से दी जा रही 500 मिलियन डॉलर सैन्य सहायता का हिस्सा हो सकते हैं, जिन्हें यूक्रेन सप्लाई किया जाएगा. 500 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद को बाइडेन ने जारी किया था. ट्रंप शासन में इन हथियारों की सप्लाई बता रही है कि ट्रंप ने यूक्रेन की मदद रोकी नहीं है.

जिन हथियारों की सप्लाई की जा रही है, उनमें HIMARS आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम, एंटी पर्सनल लैंडमाइन, एंटी गाइडेड टैंक मिसाइल, क्रूज मिसाइल, एंटी जेट ड्रोन, F-16 के पार्ट्स शामिल हैं. जबकि अमेरिका आगे टैंक और आर्मर्ड व्हीकल भी भेजने जा रहा है.

एक तरफ पोलैंड तक हथियार पहुंचाना. दूसरी तरफ ग्रीस रूट से पूर्वी यूरोप में हथियार पहुंचाकर अमेरिका रूस की घेराबंदी करना चाहता है, जिससे पुतिन के बाल्टिक मंसूबे को पूरा होने से रोका जा सके क्योंकि पुतिन यूक्रेन के अलावा एक साथ तीन मोर्चों पर काम कर रहे हैं.

पहला मोर्चा बाल्टिक में खोल दिया है. जहां वो बाल्टिक देशों पर हमला कर सकते हैं. दूसरा मोर्चा नार्डिक देशों के खिलाफ खोल दिया है. इसलिए आर्कटिक में अपने सैन्य ठिकाने वॉर रेडी कर दिए हैं. जबकि तीसरा मोर्चा अलास्का को वापस लेने के लिए खोल दिया है. पुतिन उसी रास्ते पर बढ़ रहे हैं जिस पर ट्रंप चल रहे हैं. ट्रंप नॉर्थ अमेरिका से यूरोप तक अमेरिका का विस्तार करना चाहते हैं, जबकि पुतिन यूरोप से नॉर्थ अमेरिका तक.

पुतिन अलास्का को वापस पाने के लिए हमला कर सकते हैं. जबकि ट्रंप ने पनामा, कनाडा के बाद ग्रीनलैंड को भी अमेरिका में शामिल करने के लिए कहा है. यानी अलास्का से लेकर आर्कटिक तक अमेरिका और रूस में भीषण युद्ध शुरू हो सकता है. जबकि पुतिन के विस्तारवादी मंसूबे से बाल्टिक से लेकर गल्फ ऑफ नाटो तक बारूदी घमासान शुरु हो सकता है.

रूस ने बाल्टिक देशों पर हमले का ब्लूप्रिंट बना लिया है. बाल्टिक में चक्रव्यूह तैयार कर लिया है. नाटो शिप की एंट्री बैन कर दी है, जिससे बाल्टिक का संपर्क नाटो से काटा जा सके. इसके लिए सबसे पहले बाल्टिक देशों का इंटरनेट नेटवर्क ध्वस्त किया जा रहा है.

टारगेट पर बाल्टिक नॉर्डिक केबल नेटवर्क

बाल्टिक देशों के अलावा जर्मनी और स्वीडन से भी फिनलैंड-नॉर्वे तक अंडरवाटर केबल का जाल बिछा है, जिसे रूस तबाह करना चाहता है. इसके लिए रूस की खुफिया एजेंसी ने क्रेमलिन को इनपुट दे दिया है और रूस ने इंटरनेट और पावर केबल नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए स्पेशल ऑपरेशन शुरू कर दिया है.

लातविया से पहले फिनलैंड जाने वाली अंडरवाटर केबल भी नष्ट की थी. अब कहा जा रहा है कि लातविया तक पहुंचने वाली फाइबर ऑप्टिक केबल को ठीक करने में कई महीने लग सकते हैं. लातविया के प्रधानमंत्री एविका सिलिना ने कहा है, हमने केबल के निरीक्षण के लिए एक टीम बाल्टिक सागर में भेजी है, जिस जगह केबल क्षतिग्रस्त हुई उससे कुछ दूरी पर 2 रूसी शिप दिखाई दिए. ये जानबूझकर किया गया है. इससे बाल्टिक में हालात बिगड़ सकते हैं.

यानी लातविया को अंदाजा हो गया है कि रूस से टकराव हो सकता है. वैसे भी नाटो ने बाल्टिक देशों में मिलिट्री बेस बनाकर रूस के खतरे का मुकाबला करने की तैयारी कर ली है. इस बीच रूस नाटो देशों की भी जासूसी कर रहा है क्योंकि ब्रिटेन अजोव सागर में वॉरशिप तैनात कर रहा है. इसलिए रूस ने ब्रिटेन की जासूसी के लिए शिप भेजे हैं. अब ब्रिटेन ने कहा है कि रूसी जहाजों को जब्त कर सकता है. इससे रूस और ब्रिटेन में टकराव बढ़ने की आशंका है.

ब्रिटेन बाल्टिक और काला सागर में अंडरवाटर ऑप्टिक फाइबर केबल की डिजिटल मेपिंग करा रहा है, जिससे रूस के हमलों से केबल नेटवर्क को सुरक्षित रखा जा सके. इसके लिए निर्देश अमेरिका की तरफ से आया है. ट्रंप नाटो देशों में पड़ी फूट को खत्म कराकर रूस को तबाह करने के प्लान पर काम कर रहे हैं क्योंकि एक बार यूक्रेन का खात्मा अगर पुतिन ने कर दिया तो वो रूकेंगे नहीं. एक तरफ बाल्टिक देशों पर हमला कर सकते हैं. दूसरी तरफ अलास्का के लिए रूसी सैनिक कूच कर सकते हैं.

ब्यूरो रिपोर्ट टीवी9भारतवर्ष.

ट्रंप ‘नीति’ को झटका, अलास्का पर रूसी दावा! क्या यूरोप में रूस-अमेरिका में शुरू हो सकता है विनाशक युद्ध?


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