World News: ईरान से उखाड़ दो इस्लाम… पूर्व क्राउन प्रिंस रजा पहलवी की हुंकार, खामेनेई के कट्टर दुश्मन माने जाते हैं – INA NEWS

ईरान को मिडिल ईस्ट में शिया मुस्लिमों का खैरख्वाह माना जाता है. 1979 में आई इस्लामिक क्रांति ने इस देश केा पूरी तरह बदल दिया. इस्लामिक कट्टरता और चरमपंथ इतना हावी हुआ कि ईरान के पूर्व क्राउन प्रिंस रजा पहलवी को भी अपना देश छोड़ना पड़ा. अब वही रजा पहलवी ईरान के खामेनेई शासन को उखाड़ फेंकने की चाहत रखते हैं. वह कहते हैं कि यह ईरान से इस्लामिक शासन को उखाड़ फेंकने का सबसे सही वक्त है.
ईरान से निर्वासन झेल रहे रजा पहलवी ने बीबीसी को दिए हालिया इंटरव्यू में कहा कि इस समय ईरान के लोगों में उर्जा की नई भावना है, जिसका अर्थ कि यही ठीक अवसर है. ईरान की सत्ता कमजोर है.शासन में कई प्रमुख व्यक्ति नहीं है. जनता और सरकार के बीच संतुलन बदल गया है, यही कार्रवाई का सही समय है.
कौन हैं रजा पहलवी?
रजा पहलवी ईरान के निर्वासित पूर्व क्राउन प्रिंस है. उन्हें महज 7 साल की उम्र में 1967 में यह उपाधि दी गई थी. वह इस्लामिक क्रांति से पहले अंतिम शासन रजा शाह पहलवी के पुत्र हैं. 1979 में जब इस्लामिक क्रांति हुई थी तो उन्हें और उनके परिवार को देश से बाहर निकाल दिया गया था. इसके बाद कभी भी रजा पहलवी को ईरान में दोबारा दाखिल होने की अनुमति नहीं दी गई. Politico की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने नेशनल काउंसिल ऑफ ईरान नाम का एक संगठन बनाया है और लगातार ईरान में लोकतांत्रिक शासन की वकालत कर रहे हैं.
इस्लामिक क्रांति से पहले कैसा था ईरान
इस्लामिक क्रांति से पहले रजा शाह पहलवी के शासन में ईरान सांस्कृतिक और धार्मिक आजादी वाला देश माना जाता था. उस दौर में ईरान पर वेस्ट कल्चर हावी था, इसका प्रमुख कारण था व्हाइट रिवॉल्यूशन. शिक्षा हाईटेक हुई, महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला. कई तरह के कानून अधिकार भी उनके पास थे. वे जहां चाहे आ-जा सकती थीं, जैसे चाहें रह सकती थीं. मगर अब ऐसा नहीं है. 1979 के बाद से राजशाही परिवार से यहां धर्मशासित सत्ता हो गई. कट्टरपंथी विचारधारा से सांस्कृतिक अभिव्यक्ति पर रोक लगी, शिक्षा में धर्म को शामिल किया गया और महिलाओं के अधिकार छीन लिए गए.
ईरान के लोगों को ही लाना होगा बदलाव
पूर्व क्राउन प्रिंस रजा पहलवी ने कहा कि यह आशा और ऊर्जा की नई लहर है. ईरान लोगों को ही अपने लिए बदलाव लाना होगा. ईरान के इस शासन का अस्तित्व समाप्त करना ही ईरान की समस्या का अंतिम समाधान होगा. अपने देश को आजाद कराने का यही सही वक्त है. ऐसा करने से दुनिया राहत की सांस लेगी और परमाणु खतरों, आतंकवाद और उग्रवाद जैसी चीजों का खतरा खत्म हो जाएगा.
ईरान की इस दशा के लिए खामेनेई खुद जिम्मेदार
रजा पहलवी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ईरानी लोगों ने देखा है कि दुनिया अब तक बहुत धैर्यवान रही है और इस शासन को व्यवहार में बदलाव के लिए लगातार मौका दिया है. वर्तमान में ईरान के जो हालात हैं वो खामेनेई की जिद की वजह से हैं. वहीं इसके जिम्मेदार है. यह युद्ध उनका है ईरान के लोगों का नहीं. इजराइल ईरान के नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचा रहा, बस ईरानी शासन की मिल रही धमकियों को बेअसर कर रहा है.
ईरान को लोकतांत्रिक शासन की जरूरत
रजा पहलवी ने कहा कि मैं 44 साल से लगातार कह रहा हूं कि मेरा लक्ष्य ईरान को धार्मिक शासन से मुक्त करना है, मैं चाहता हूं कि वहां भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया से माध्यम से ही चुनाव हों, ताकि वहां की जनता अपना नेता खुद चुने. उन्होंने खुलासा कि ईरान के अंदर से लगातार मुझसे संपर्क किया जा रहा है, खास तौर से सेना की ओर से. मैं समझता हूं कि महत्वपूर्ण घटनाक्रम है.
ईरान से उखाड़ दो इस्लाम… पूर्व क्राउन प्रिंस रजा पहलवी की हुंकार, खामेनेई के कट्टर दुश्मन माने जाते हैं
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