World News: 8 लाख के इस ऑटोपेन से साइन करते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति, अब मचा बवाल – INA NEWS

अमेरिका की राजनीति में इन दिनों एक पेन को लेकर बवाल मचा हुआ है. लेकिन यह कोई आम पेन नहीं, बल्कि एक ऑटोपेन है, जिसकी कीमत लाखों में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण सरकारी आदेशों पर इस मशीन से हस्ताक्षर किए, जिसके बाद उनकी वैधता पर सवाल उठने लगे हैं. आलोचकों का कहना है कि क्या बाइडेन खुद इन आदेशों से वाकिफ थे, या फिर उनके नाम से मशीन ने फैसले लिए?

रिपब्लिकन पार्टी और कई राजनीतिक विश्लेषकों का आरोप है कि बाइडेन ने कई अहम कार्यकारी आदेशों पर बिना खुद साइन किए, ऑटोपेन का सहारा लिया. यह मामला तब तूल पकड़ने लगा, जब कंजर्वेटिव थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन ने इस मुद्दे को उठाया. इसके बाद मिसौरी के अटॉर्नी जनरल एंड्रयू बेली सहित कई लोगों ने इन आदेशों की वैधता को चुनौती देने की मांग की.

कौन-कौन से आदेश ऑटोपेन से साइन हुए?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त 2022 में बाइडेन ने एक कार्यकारी आदेश पर साइन किया था, जो इमरजेंसी स्थितियों में गर्भपात की सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए था. इसके अलावा, दिसंबर 2024 में उन्होंने एक और आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत 9 जनवरी 2025 को सरकारी दफ्तरों को दिवंगत राष्ट्रपति जिमी कार्टर को सम्मान देने के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया था.

पहले भी होता रहा है ऑटोपेन का इस्तेमाल

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऑटोपेन का इस्तेमाल किया हो. इस तकनीक का इस्तेमाल कई दशकों से किया जा रहा है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने इस पर कानूनी राय मांगी थी, जिसके बाद न्याय विभाग ने इसे संवैधानिक करार दिया था. हालांकि, बुश ने इस पर संदेह जताते हुए इसका इस्तेमाल करने से परहेज किया.

इसके बाद, बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल में इस मशीन का इस्तेमाल किया. उन्होंने 2013 में फिस्कल क्लिफ कॉम्प्रोमाइज बिल पर साइन करने के लिए ऑटोपेन का सहारा लिया था. 2011 में, जब ओबामा जी-8 शिखर सम्मेलन के लिए यूरोप में थे, तब उन्होंने पैट्रियट एक्ट के विस्तार वाले विधेयक पर ऑटोपेन से साइन किए थे, जिससे एक नया विवाद खड़ा हो गया था. तब जॉर्जिया के रिपब्लिकन सांसद टॉम ग्रेव्स ने इस कदम को ‘खतरनाक मिसाल’ बताया था.

ऑटोपेन क्या है और कैसे काम करता है?

ऑटोपेन एक ऐसी मशीन होती है जो किसी व्यक्ति के हस्ताक्षर को हूबहू कॉपी कर सकती है. इसे खासतौर पर आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह मशीन 1800 के दशक से प्रचलन में है. कुछ लोग कहते हैं कि हैरी ट्रूमैन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे जिन्होंने ऑटोपेन का इस्तेमाल चिट्ठियों का जवाब देने और चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए किया.

वहीं, कुछ का मानना है कि गेराल्ड फोर्ड पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने खुलेआम ऑटोपेन के इस्तेमाल को स्वीकार किया. लेकिन लिंडन जॉनसन ने तो अपने कार्यकाल में ही इसकी तस्वीरें खिंचवाने तक की इजाजत दे दी थी. 1968 में नेशनल इंक्वायरर ने इन तस्वीरों को छापा और उसके साथ सनसनीखेज हेडलाइन दी— “द रोबोट दैट सिट्स इन फॉर द प्रेसिडेंट” यानी “वो रोबोट जो राष्ट्रपति की जगह काम करता है.”

कितने का आता है यह पेन?

आजकल, ऑटोपेन की कीमत 2000 डॉलर (करीब 1.7 लाख रुपये) से लेकर 10000 डॉलर (करीब 8 लाख रुपये) तक हो सकती है. अमेरिका में केवल दो कंपनियां हैं जो इस मशीन का निर्माण करती हैं. इसके हस्ताक्षर टेम्पलेट को तैयार करने की कीमत करीब 175 डॉलर होती है. आधुनिक ऑटोपेन पूरी तरह ऑटोमेटेड होता है और इसमें किसी व्यक्ति के हस्ताक्षर को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिए सेव किया जाता है. इससे पहले भी इस पर चर्चा होती रही है, लेकिन यह मुद्दा अब और गंभीर हो गया है, खासकर बाइडेन की उम्र और उनकी मानसिक स्थिति को लेकर उठ रहे सवालों के बाद.

8 लाख के इस ऑटोपेन से साइन करते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति, अब मचा बवाल


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