World News: बॉर्डर पर मच्छरों को क्यों ट्रैक कर रहा है दक्षिण कोरिया? – #INA
दक्षिण कोरिया ने भारी सुरक्षा वाली सीमा के पास76 ट्रैकिंग डिवाइस लगाए हैं. ये डिवाइस मिसाइलों या सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नहीं, बल्कि सीमा पार से आने वाले मलेरिया के मच्छरों को पकड़ने के लिए हैं. यह सुनने में अजीब जरूर लगता है, लेकिन यही हकीकत है.
इसके पीछे एक गंभीर वजह है. दक्षिण कोरिया अब तक मलेरिया मुक्त नहीं हो पाया है, और यह बीमारी यहां के लोगों के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है. AFP एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस समस्या की जड़ है उसका पड़ोसी और दुश्मन देश, उत्तर कोरिया, जहां मलेरिया अब भी एक आम बीमारी है और इसका पूरी तरह खात्मा नहीं हो सका है. तो आखिर मलेरिया दक्षिण कोरिया के लिए इतनी बड़ी समस्या क्यों है?
क्लाइमेट चेंज बढ़ा रहा है खतरा
दक्षिण कोरिया ने इस साल देशभर में मलेरिया की चेतावनी भी जारी की थी और वैज्ञानिकों का कहना है कि क्लाइमेट चेंज, खासकर से भारी बारिश की वजह से मच्छर जनित बीमारियां बढ़ने का जोखिम बना रहता है. DW हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक साइंटिस्ट्स का कहना है कि अगर उत्तर और दक्षिण कोरिया इस समस्या को लेकर साथ नहीं काम करते हैं तो हालात खराब हो सकते हैं.
दक्षिण कोरिया ने एक बार ये स्वीकार किया था कि उसने मलेरिया से मुक्ति पा ली है. मगर 1993 में डिमिलिटराइज्ड जोन पर तैनात सैनिक को संक्रमित पाया गया था और तब से ये बीमारी जारी है. 2023 में मामलों में लगभग 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 2022 में 420 से बढ़कर 747 हो गई.
मच्छर तय कर सकते हैं 12 किलोमीटर की दूरी
दोनों देशों के बीच असली मुद्दा डिमिलिटराइज्ड जोन यानी डीएमजेड का है. यह भूमि की चार किलोमीटर चौड़ी निर्जन पट्टी है, जो 250 किलोमीटर लंबी आम सीमा के साथ चलती है. यह डिमिलिटराइज्ड जोन क्षेत्र हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है और यहां इंसान नहीं जाता है, क्योंकि इसका निर्माण 1953 में कोरियाई युद्ध के बाद हुए युद्ध विराम के बाद हुआ था.
विशेषज्ञों का कहना है कि बारूदी सुरंगों से भरा यह सीमावर्ती क्षेत्र मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अच्छा वातावरण देता ह. इनमें मलेरिया फैलाने वाले मच्छर भी शामिल हैं, जो 12 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकते हैं. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले दशक में, दक्षिण कोरिया के लगभग 90 प्रतिशत मलेरिया रोगी डीएमजेड के पास के क्षेत्रों में संक्रमित हुए थे.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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