World News: मिडिल ईस्ट में फंसे दुनिया के ताकतवर देश, इधर भारत ने एक्ट ईस्ट नीति को लेकर उठाया बड़ा कदम – #INA
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जब सारी दुनिया का ध्यान मिडिल ईस्ट और यूरोप में केंद्रित है, ऐसे समय में भारत अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी को आधार देने के काम में जुटा हुआ है. भारत दक्षिण-पूर्वी एशिया और कोरियाई प्रायद्वीप के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ा रहा है.
नई दिल्ली ने एक अहम कदम उठाते हुए, करीब साढ़े 3 साल बाद प्योंगयांग में अपनी एंबेसी में सामान्य संचालन शुरू कर दिया है. किम जोंग सरकार के अपारदर्शी रवैये को देखते हुए भारत ने नॉर्थ कोरिया के साथ संबंधों को लेकर हमेशा से सतर्क और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है.
2021 में भारत ने बंद किया था दूतावास
जुलाई 2021 को भारत सरकार ने कोरोना महामारी को वजह बताते हुए नॉर्थ कोरिया में अपनी एंबेसी बंद कर दी थी. हालांकि विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर एंबेसी के बंद होने का कभी ऐलान नहीं किया था लेकिन एंबेसडर अतुल मल्हारी गोत्सुर्वे समेत एंबेसी के पूरे स्टाफ को मॉस्को के रास्ते से दिल्ली बुला लिया गया था. इसके बाद से ही नॉर्थ कोरिया में भारतीय मिशन निष्क्रिय रहा, इसके बाद अतुल गोत्सुर्वे को 2022 में मंगोलिया का राजदूत बना दिया गया.
प्योंगयांग भेजा गया एंबेसी का स्टाफ
इस महीने भारत ने नॉर्थ कोरिया में अपनी कूटनीतिक उपस्थिति दोबारा बहाल करने का फैसला किया है. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, टेक्लिनकल स्टाफ और कुछ कूटनीतिक कर्मचारियों समेत एक टीम पहले ही प्योंगयांग भेजी जा चुकी है. टीम का सबसे पहला टास्क एंबेसी परिसर की सघन जांच और डिबगिंग करना है, नॉर्थ कोरिया की खुफिया प्रवृत्ति के कारण यह एहतियाती कदम उठाया जा रहा है.
नॉर्थ कोरिया की ब्यूरोक्रेटिक प्रक्रिया पूरी होने का मतलब है कि फिलहाल नए एंबेसडर की नियुक्ति और एडिशनल स्टाफ के टीम में शामिल होने में कुछ महीने लग सकते हैं.
नॉर्थ कोरिया का बढ़ रहा रणनीतिक महत्व
बीते कुछ सालों में नॉर्थ कोरिया का रणनीतिक महत्व बढ़ रहा है. सैन्य तौर पर प्योंगयांग ने अपनी न्यूक्लियर क्षमता में वृद्धि कर ली है, इसके अलावा वह हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी, टैक्टिकल वेपन और मिसाइल सिस्टम की रेंज में भी बढ़त हासिल कर चुका है. नॉर्थ कोरिया में भारत अपनी उपस्थिति को बरकरार रखकर यह सुनिश्चित कर सकता है कि इस तरह की टेक्नोलॉजी पाकिस्तान या किसी भी दुश्मन देश को न मिल सके.
एशियाई ताकतों के साथ बैलेंस बना रहा भारत
नॉर्थ कोरिया ने रूस और चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर लिया है, यह उभरता हुआ एशियन अलायंस है जिसे कई लोग क्वाड के जवाब के तौर पर देखते हैं. क्वाड में भारत समेत अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. भारत और चीन कई विवादों के बावजूद आपसी तनाव को खत्म करने और एशिया में शांति के प्रयास में जुटे हुए हैं. इसके अलावा भारत के रूस के साथ गहरे संबंध हैं, तो वहीं तेहरान के साथ इसके फंक्शनल संबंध हैं, ऐसे में नॉर्थ कोरिया के साथ जुड़ना एक डिप्लोमेटिक कदम है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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