World News: यूनुस की एक गलती और अपने ही हो गए बागी, बांग्लादेश में फिर होगा विद्रोह? – INA NEWS

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के एक बयान ने देश की सियासत में नया भूचाल ला दिया है. यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार आवामी लीग को चुनाव लड़ने का निष्पक्ष मौका देगी. यह बयान आते ही बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. विपक्षी बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) और छात्र संगठनों ने इसे जनता के साथ विश्वासघात करार दिया है और आवामी लीग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की है. वहीं, इस मुद्दे पर अंतरिम सरकार के भीतर भी मतभेद उभरने लगे हैं.
बांग्लादेश में आवामी लीग को लेकर विवाद लंबे समय से चला आ रहा है. अंतरिम सरकार के वरिष्ठ नेता नाहिद इस्लाम समेत कई अन्य अधिकारियों ने इस पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उनका कहना था कि आवामी लीग के कई नेता मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल रहे हैं और उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन यूनुस के इस बयान के बाद नाहिद इस्लाम और अन्य नेता नाराज हो गए हैं और उन्होंने इसका खुलकर विरोध किया है.
छात्र संगठनों का प्रदर्शन
यूनुस के बयान के तुरंत बाद विपक्षी पार्टी बीएनपी ने सड़कों पर उतरने का ऐलान कर दिया. बीएनपी नेताओं का कहना है कि अगर आवामी लीग को चुनाव लड़ने दिया गया तो यह बांग्लादेश की जनता के साथ अन्याय होगा. वहीं, कई छात्र संगठनों ने इसे जनता का अपमान बताया है और सरकार से तुरंत आवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इन प्रदर्शनों से बांग्लादेश की सियासत में अस्थिरता बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं.
चुनाव की तैयारियों पर सवाल
प्रोफेसर यूनुस ने इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (ICG) के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान कहा कि बांग्लादेश में दो संभावित चुनावी कार्यक्रम तय किए गए हैं. अगर राजनीतिक दल सीमित सुधारों की मांग करते हैं, तो चुनाव इस साल दिसंबर में होंगे. लेकिन अगर वे बड़े स्तर पर सुधार चाहते हैं, तो चुनाव जून अगले साल आयोजित किए जाएंगे. यूनुस ने साफ किया कि चुनाव में किसी भी प्रकार की देरी नहीं की जाएगी और प्रक्रिया निष्पक्ष होगी. हालांकि, यूनुस के इस बयान के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या सरकार चुनावी प्रक्रिया को लेकर गंभीर है या फिर यह सिर्फ विरोधियों को शांत करने का एक तरीका है.
आरोपियों पर कार्रवाई संभव
सरकार के एक बयान में कहा गया है कि आवामी लीग के जिन नेताओं पर मानवता के खिलाफ अपराध, हत्या और अन्य गंभीर अपराधों के आरोप हैं, उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा. यूनुस ने यह भी कहा कि सरकार आवामी लीग के नेताओं को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) में भेजने पर विचार कर रही है. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में जुलाई विद्रोह के दौरान किए गए अपराधों की जांच की सिफारिश की गई थी. यूनुस ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बांग्लादेश में फिर विद्रोह के आसार?
बांग्लादेश में इस समय राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है. एक तरफ विपक्षी दल और छात्र संगठन आवामी लीग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यूनुस के नरम रुख से उनके अपने ही सरकार के अंदर बागी तेवर दिखाने लगे हैं. इस पूरे विवाद के बीच बांग्लादेश में फिर से विद्रोह की संभावना तेज हो गई है. विपक्षी दलों के प्रदर्शनों और सरकार के अंदर गहराते मतभेदों को देखते हुए आने वाले दिनों में बांग्लादेश में बड़े राजनीतिक उथल-पुथल की आशंका जताई जा रही है.
यूनुस की एक गलती और अपने ही हो गए बागी, बांग्लादेश में फिर होगा विद्रोह?
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