दुनियां – Russia Ukraine War: हथियारों के निर्माण में NATO से आगे निकला रूस, SIPRI की रिपोर्ट में दावा – #INA
रूस यूक्रेन जंग के बीच पश्चिमी देश जहां रूस पर प्रतिबंध लगाकर उसे अलग-थलग करने और आर्थिक तौर पर बड़ा नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन SIPRI की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
नई रिसर्च से पता चलता है कि पिछले साल रूस के शीर्ष डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर्स का राजस्व, अमेरिका और यूरोपीय देशों से आगे निकल गया, क्योंकि उसने अपने पश्चिमी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में हथियारों का उत्पादन अधिक प्रभावी ढंग से बढ़ाया था.
SIPRI की रिपोर्ट में बड़ा दावा
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने दुनिया की टॉप 100 डिफेंस कंपनियों को लेकर सोमवार को अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के आंकड़े रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन को मुहैया कराए जा रहे हथियारों को लेकर पश्चिमी देशों की क्षमता पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के प्रमुख डिफेंस फर्म ने बीते साल 40 फीसदी रिवेन्यू ग्रोथ हासिल की है तो वहीं अमेरिका और यूरोपीय देशों के डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर्स का रिवेन्यू क्रमश: 2.5 फीसदी और 0.2 फीसदी बढ़ा है, जबकि वैश्विक औसत 4.2 फीसदी रहा है.
SIPRI ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि रूस ने युद्ध के दौरान सप्लाई की चुनौतियों से निपचने के लिए अपनी इकोनॉमी को ज्यादा प्रभावी तरीके से ‘वेपनाइज्ड’ किया है.
टॉप 100 कंपनियों में रूस की 2 कंपनियां
SIPRI के मुताबिक, टॉप 100 कंपनियों में रूस की सिर्फ 2 कंपनियों को ही जगह दी गई है, क्योंकि इन्हीं दोनों कंपनियों ने अपनी वित्तीय जानकारी साझा की है. इनमें पहली- रोसटैक, जो कि रूस की सरकारी डिफेंस फर्म है. यह एयरक्राफ्ट, आर्मर और इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्माण करती है. वहीं दूसरी कंपनी है- यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन.
डिफेंस प्रोडक्शन की जानकारी छिपा रहा रूस
थिंक टैंक के मुताबिक, 2014 में जब से रूस ने क्रीमिया पर कब्जा हासिल किया है उसके बाद से ही रूस की हथियार निर्माण को लेकर पारदर्शिता में कमी आई है. फरवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया इसके बाद से ज्यादातर हथियार निर्माता कंपनियों ने वित्तीय जानकारी साझा करना बंद कर दिया है.
NATO देशों से अधिक खर्च कर रहा रूस
कोस्टल कैरोलिना यूनिवर्सिटी में इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी स्टडीज़ के प्रोफेसर जोसेफ फिटसनाकिस का कहना है कि, ‘रूस का सैन्य प्रोडक्शन, वर्तमान में अमेरिका और NATO के सभी सदस्य देशों के कुल मिलाकर होने वाले प्रोडक्शन से भी आगे बढ़ गया है.’ उन्होंने कहा कि इस पर विश्वास करना मुश्किल है लेकिन रूस ऐसा करने के लिए बाध्य है, अगर यह यूक्रेन को मिलने वाले समर्थन से आगे निकल जाएगा.इतनी बड़ी मात्रा में खर्च कर रूस ने वास्तव में एक वॉर इकोनॉमी बनाई है जिसने देश में बड़े आर्थिक संकट को रोक दिया है.
इससे पहले अप्रैस में जारी की गई एक रिपोर्ट में SIPRI ने आकलन लगाया था कि रूस ने पिछले साल अपने सैन्य खर्च में 24 फीसदी की वृद्धि कर 109 बिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया है. जो कि इसकी अर्थव्यवस्था का 5.9 फीसदी प्रतिनिधित्व करता है. वैसे तो यह देखने में बहुत ज्यादा नहीं दिखता है लेकिन NATO देशों का औसतन सैन्य खर्च GDP का मात्र 1.9 फीसदी है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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