दुनियां – आज विजय दिवस, भारत से लेकर बांग्लादेश तक ऐसे मनाया जाएगा जश्न – #INA

साल 1971 वो ऐतिहासिक साल था जब बांग्लादेश का गठन स्वतंत्र देश के रूप में हुआ. बांग्लादेश के गठन में भारत की अहम भूमिका रही. इस विजय दिवस का जश्न मनाने के लिए बांग्लादेश के 1971 मुक्ति संग्राम के आठ भारतीय सैन्य दिग्गज ढाका पहुंचे, जबकि बांग्लादेश सेना के आठ अधिकारी दोनों देशों में विजय दिवस समारोह में शामिल होने के लिए कोलकाता पहुंचे.
भारत और बांग्लादेश दोनों 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान पर जीत का जश्न मनाते हैं और हर साल दोनों देशों के समारोहों में भाग लेने के लिए एक-दूसरे के युद्ध के दिग्गजों और सेवारत अधिकारियों को आमंत्रित करते हैं. इस मौके पर मुक्ति संग्राम की यादों को ताजा किया जाता है जो बांग्लादेश को कब्जे, उत्पीड़न और सामूहिक अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भारत और बांग्लादेश के सशस्त्र बलों के साझा बलिदान का प्रतीक है.
ढाका बना था एक स्वतंत्र देश
बांग्लादेश 26 मार्च को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है, लेकिन भारतीय सहायता से नौ महीने के मुक्ति संग्राम के बाद 16 दिसंबर को ढाका एक स्वतंत्र देश की स्वतंत्र राजधानी के रूप में उभरा था. हर साल इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारतीय हाई कमीशन ने एक बयान में कहा, ये वार्षिक द्विपक्षीय यात्राएं मुक्ति जोधा और मुक्ति संग्राम के दिग्गजों को दोनों देशों की अनूठी दोस्ती का जश्न मनाने के लिए एक मंच देती है.
दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल पहुंचे
ढाका में बांग्लादेश के अधिकारियों और भारतीय हाई कमीशन ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में दोनों देशों के दो-दो अधिकारी शामिल हैं जो ढाका और कोलकाता में समारोह में शामिल होंगे. दोनों ही देशों के अधिकारी रविवार को समारोह में शामिल होने के लिए ढाका और कोलकाता पहुंचे.
बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल में मुक्ति जोधा शामिल हैं, जो 1971 के युद्ध के समय पूर्वी पाकिस्तान में गुरिल्ला प्रतिरोध बल (Guerrilla Resistance Force) का हिस्सा थे और वहां पाकिस्तानी शासन का विरोध कर रहे थे.
दोनों देशों के बीच चल रहा है तनाव
भारत और बांग्लादेश के बीच इन दिनों तनाव देखा जा रहा है. तनाव के बीच भी विजय दिवस समारोह का जश्न मनाया जा रहा है और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल एक दूसरे के देश पहुंच रहे हैं. बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से ही हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही है. साथ ही हाल ही में इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को भी राजद्रोह के आरोप के चलते हिरासत में लिया गया है, इसी के चलते भारत ने भी बांग्लादेश की आलोचना की है.
बांग्लादेश में जहां एक तरफ लगातार हिंदू समुदाय पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने किसी भी तरह की सांप्रदायिक हिंसा के मामले को खारिज कर दिया है. बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है, हिंदू समुदाय देश की आबादी का 8 प्रतिशत हिस्सा है.
विक्रम मिस्री की यात्रा से कम हुआ तनाव
ढाका के एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, “दिग्गजों की एक दूसरे के देशों में यात्रा 1971 में हुई दोस्ती की याद दिलाती है. उन्होंने आगे कहा, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री की अपने समकक्ष जाशिम उद्दीन के साथ 9 दिसंबर को हुई एक दिवसीय ढाका यात्रा से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आंशिक रूप से कम हुआ है. साथ ही विक्रम मिस्री ने अपनी इस यात्रा के दौरान एडवाइजर यूनुस और उनके वास्तविक विदेश मंत्री तौहीद हुसैन से भी मुलाकात की.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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