दुनियां – सीरिया में इजराइल की लगातार बमबारी क्यों जारी है, आसान भाषा में इसे समझिए – #INA

सीरिया में इजराइल की धुंआधार बमबारी ने पूरे मध्य-पूर्व को हिला कर रख दिया है. ऑपरेशन ‘बशन एरो’ के तहत इजराइल ने 48 घंटे के भीतर 350 से ज्यादा हवाई और नौसैनिक हमले किए हैं, जिनमें सीरिया की 70-80% रणनीतिक सैन्य क्षमता नष्ट कर दी गई है. लेकिन यह सब क्यों? आइए, इस पूरे प्लान को आसान भाषा में समझते हैं.
इजराइल के हमलों के पीछे कई कारण हैं, जैसे ईरान का प्रभाव कम करना, गोलान हाइट्स की सुरक्षा, रणनीतिक हथियारों को खत्म करना और आतंकवाद का सामना आदि. इन सभी को एक-एक कर समझते हैं.
ईरान के प्रभाव को काटना
सीरिया ईरान के लिए एक महत्वपूर्ण ‘लैंड ब्रिज’ है, जिससे वह हिजबुल्लाह तक हथियार पहुंचाता है. इसराइल का यह साफ लक्ष्य है कि इस मार्ग को पूरी तरह खत्म किया जाए ताकि हिजबुल्लाह कमजोर हो जाए.
असद शासन के पतन के बाद का डर
बशर अल-असद के शासन के पतन के बाद, सीरिया अराजकता में डूब चुका है. इजराइल को डर है कि असद शासन के समय बनाए गए रासायनिक और सामरिक हथियार आतंकी गुटों के हाथ में जा सकते हैं. जिस वजह से वह इन हथियारों को हमला कर नष्ट कर रहा है.
गोलान हाइट्स की सुरक्षा
इजराइल ने 1974 के युद्ध विराम समझौते को रद्द करते हुए गोलान हाइट्स के आसपास एक ‘सुरक्षा क्षेत्र’ बनाने की योजना बनाई है. यह क्षेत्र आतंकियों और हथियारों से मुक्त होगा, ताकि इजराइल की सीमाओं पर खतरा न रहे.
सीरिया के विखंडन की तैयारी
सीरिया पर करीब से नजर रखने वाले जानकारों का मानना हैं कि सीरिया का भविष्य एकीकृत देश के रूप में नहीं है. अनुमान है कि सीरिया के कई टुकड़े -टुकड़े हो जाएंगे. इजराइल को किसी तरह की चुनौती ना मिले इसके लिए इजराइल, कुर्द और द्रूज जैसे स्थिर जातीय समूहों के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है, जो भविष्य में उसके सहयोगी बन सकते हैं.
रणनीतिक हथियारों को खत्म करना
इजराइल ने सीरिया के सामरिक हथियार भंडार, रासायनिक हथियार, मिसाइल, एयर डिफेंस सिस्टम और वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्रों को निशाना बनाया है. इसका मकसद इन खतरनाक हथियारों को आतंकवादी गुटों तक पहुंचने से रोकना है.
आतंकवाद का सामना
अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी गुट सीरिया में सक्रिय हैं. इजराइल जानता है कि इन गुटों के पास हथियार पहुंचने का मतलब उसकी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.
ईरान और परमाणु चिंता
इजराइल को डर है कि सीरिया में कमजोर स्थिति ईरान को परमाणु हथियार बनाने की ओर धकेल सकती है. यह खतरा इजराइल की दीर्घकालिक रणनीतिक चिंताओं का हिस्सा है.
क्या होगा आगे?
इजराइल सीरिया में हर रणनीतिक खतरे को खत्म करने की कोशिश में जुटा है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति सीरिया के नए शासकों के साथ संबंध बनाने में मुश्किलें पैदा कर सकती है.
इजराइल की यह कार्रवाई सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक कदम है, यह साफ है कि इजराइल अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखने और मध्य-पूर्व की सत्ता-समीकरण में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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