यूपी- ‘हर घर जल गांव’ बसाएगी योगी सरकार, ‘महाकुंभ 2025’ में दिखेगी नए बुंदेलखंड की झांकी – INA

यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार इन दिनों महाकुंभ-2025 के महाआयोजन की तैयारियों में जुटी है. सरकार ‘हर घर जल गांव’ बसाने के साथ-साथ पेयजल का समाधान निकालने के भी प्लान पर काम कर रही है. ‘मेरे गांव की पहचान’ थीम पर यह ‘गांव’ 40 हजार स्क्वायर फिट एरिया में बसाने की योजना है. इसमें एक तरफ जहां जल जीवन मिशन बुंदेलखंड में हर घर तक नल से जल पहुंचाने की कहानी सुनाई जाएगी, वहीं नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के नए गांवों की सफलता की दास्तां भी प्रदर्शित की जाएगी.

51 दिनों तक चलेगी प्रदर्शनी, होंगे अनेक कार्यक्रम

बुंदेलखंड कभी सूखे के लिए जाना जाता था लेकिन योगी सरकार के प्रयास से यहां पेयजल की व्यवस्था हो गई है. यहां पेयजल का समाधान, मेरे गांव की नई पहचान थीम पर प्रदर्शनी 5 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगी. 51 दिनों तक चलने वाली में बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाएं बदलाव की कहानी बयां करेंगी. बांदा, झांसी, चित्रकूट के जिन गांवों में पानी न होने से शादी नहीं हो पाती थी, वहां भी राज्य सरकार ने ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल पहुंचाया है.

प्रदर्शनी में पांच भाषाओं में मिलेगी जानकारी

ललितपुर से सटे मध्य प्रदेश के बॉर्डर के ‘बाल विहट’ गांव में एक ही कुआं था. कभी इसमें सांप रहते थे, इसके बावजूद यहां के लोग उसी कुएं का पानी पीने को मजबूर थे. मोदी-योगी सरकार में इस गांव के लोगों को भी शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया है. यहां के ग्रामीण भी बदलाव की गाथा बयां करेंगे. महाकुंभ में देश के अनेक राज्यों और हिस्सों से श्रद्धालु, पर्यटक आएंगे.

इसलिए प्रदर्शनी में हर जानकारी अनेक भाषाओं में मिलेगी. यहां हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, तेलगू और मराठी में लोग जल जीवन मिशन के माध्यम से बदलते यूपी के बारे में जान सकेंगे. प्रदर्शनी में जल जीवन मिशन से विंध्य-बुंदेलखंड में आए बदलाव को लेकर सफलता की कहानी का भी संकलन पुस्तक के माध्यम से प्रदर्शित होगा.

‘जल मंदिर’ भी देगा संदेश

ग्रामीण जलापूर्ति व नमामि गंगे विभाग की तरफ से महाकुंभ में ‘जल मंदिर’ भी बनाया जाएगा. ‘जल मंदिर’ में भगवान शिव की जटा से गंगा धरती पर आएंगी. इसके जरिए संदेश दिया जाएगा कि जल प्रसाद है. जल जीवनदायी है. इसे बर्बाद न करें, बल्कि इसका संरक्षण करें. ‘जल मंदिर’ में सुबह-शाम जल आरती भी होगी. इस आरती में जल जीवन मिशन की गाथा, जल संरक्षण का संदेश भी होगा.


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