खबर फिली – 3-3 गलतियां कर बैठे ‘कंगूवा’ के मेकर्स, सूर्या-बॉबी देओल पर लगवा दिया FLOP का ठप्पा – #iNA @INA

Suriya And Bobby Deol: सूर्या और बॉबी देओल की ‘कंगूवा’ को अब हर कोई फ्लॉप मानकर बैठ गया है. अब इस फिल्म से दर्शकों और मेकर्स को कोई उम्मीद नहीं रही है. फिल्म की कमाई ने सूर्या और बॉबी देओल के फैन्स को काफी निराश कर दिया है. हालांकि इसमें गलती न तो सूर्या की है और न ही बॉबी देओल. फिल्म देखने वाले लोगों ने जो शिकायतें की हैं, उसके आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि मेकर्स को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए था. मेकर्स की भूल ने सूर्या और बॉबी देओल पर फ्लॉप का ठप्पा लगवा दिया है.

‘कंगूवा’ को बनाने के लिए मेकर्स ने 350 करोड़ तक खर्च कर डाले थे. उन्हें उम्मीद थी कि जिस तरह से ‘एनिमल’ में बॉबी देओल को प्यार मिला, ठीक उसी तरह उन्हें ‘कंगूवा’ में भी पसंद किया जाएगा. लेकिन मेकर्स ने 3-3 गलतियां कर डाली, जिसका खामियाजा अब सूर्या और बॉबी देओल को उठाना पड़ रहा है.

‘कंगूवा’ के मेकर्स की 3 बड़ी गलतियां

  • पहली गलती – फिल्म देखने वाले दर्शक पहले ही दिन से इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि ‘कंगूवा’ एडिट करते वक्त उसकी आवाज काफी लाउड कर दी गई है. तेज आवाज के चलते लोगों के सिर में दर्द तक होने लगा. कुछ लोगों ने साथ में दवाई ले जाने की सलाह तक दे डाली. जब-जब बैकग्राउंड म्यूजिक आता, लोगों के कानों के पर्दों पर उसका असर होने लगता. सोशल मीडिया पर यूजर्स ने लाउड अवाज को लेकर ‘कंगूवा’ को काफी ट्रोल किया.
  • दूसरी गलती – दूसरी गलती ‘कंगूवा’ की ये हो सकती है कि लोगों को बॉबी देओल के डायलॉग्स पसंद नहीं आए. फिल्म की कहानी के आखिर में बॉबी देओल की एंट्री होती है, जो देखने में तो काफी खतरनाक और खूंखार थे. लेकिन जैसे ही हिंदी में उनके डायलॉग शुरू होते, तो लोग कहते कि इससे अच्छा तो वो कुछ न बोलते. फैन्स का मानना है कि बॉबी देओल के रोल के साथ इंसाफ नहीं किया गया.
  • तीसरी गलती – ‘कंगूवा’ की तीसरी गलती ये हो सकती है कि फिल्म की कहानी का कनेक्शन लोगों की समझ में नहीं आया. यूजर्स का कहना था कि अगर उसने किसी दुश्मन को मारा है, तो उसके बच्चे को समझाने की जगह वो उसकी खातिर क्या कुछ नहीं करता. बार-बार अपनी जान खतरे में डालना और इतना तमाशा किसी और के बाप की मौत को लेकर दिखाया गया, ये बात दर्शकों को रास नहीं आई.

Source link

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science