जगद्गुरु कृपालु महाराज की बड़ी पुत्री विशाखा त्रिपाठी का रविवार की सुबह यमुना एक्सप्रेस-वे पर नोएडा के पास एक भीषण सड़क दुर्घटना में निधन हो गया है। कृपालु महाराज की दो अन्य पुत्रियां दिल्ली के अपोलो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहीं हैं। डॉ. विशाखा त्रिपाठी के निधन से आध्यात्मिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को यमुना के मोक्षधाम पर किया जाएगा।
बता दें कि जगद्गुरु कृपालु परिषद की अध्यक्षा डॉ. विशाखा त्रिपाठी अपनी दोनों बहनों के साथ दिल्ली एयरपोर्ट अपनी निजी कार से जा रही थीं। नोएडा के दनकौर के समीप पीछे से आ रहा कैंटर ओवरटेक करने के प्रयास में उनकी गाड़ी पर पलट गया, जिससे 75 वर्षीय विशाखा त्रिपाठी की मौके पर ही मौत हो गई। उनकी बहनें श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है।
प्रसिद्ध प्रेम मंदिर और कीर्ति मंदिर के संस्थापक जगद्गुरु कृपालु महाराज के सन् 2013 में देहावसान के बाद वसीयत के अनुसार उनकी बड़ी पुत्री विशाखा त्रिपाठी को जगद्गुरु कृपालु परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके निर्देशन में वृंदावन और मनगढ़ में संचालित धर्मार्थ कार्यों की देखरेख चल रही थी। विशाखा त्रिपाठी महाराज श्री के साथ लंबे समय से विभिन्न सेवा प्रकल्पों से जुड़ी हुईं थीं। खास तौर पर बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रहीं थीं। उन्हें कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। कोतवाल रवि त्यागी ने बताया कि शाम को चार बजे शव वृंदावन लाया जाएगा। सोमवार को मोक्षधाम वृंदावन में अंतिम संस्कार किया जाएगा।