चुनाव से पहले JMM ने खेला बड़ा दांव, अब सभी महिलाओं को इतने पैसे देगी झारखंड सरकार; फटाफट जानें स्कीम #INA

Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने महिलाओं को केंद्र में रखते हुए ‘मैया सम्मान योजना’ को अपने चुनाव प्रचार में प्रमुख मुद्दा बना दिया है. इस योजना की अगुआई गांडेय विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी, कल्पना सोरेन कर रही हैं, जो इस अभियान का मुख्य चेहरा बनकर उभर रही हैं.

क्या है ‘मैया सम्मान योजना’?

आपको बता दें कि इस योजना के अंतर्गत 18 से 50 वर्ष की उम्र की गरीब महिलाओं को प्रति माह ₹1000 की सहायता दी जाएगी. यह पहल पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसी कई राज्यों की महिला-केंद्रित योजनाओं की तर्ज पर बनाई गई है. योजना के बारे में जानकारी देने और लोगों से फीडबैक प्राप्त करने के उद्देश्य से झारखंड सरकार ने ‘मैया सम्मान यात्रा’ की शुरुआत की है, जो राज्य भर में चल रही है.

वहीं आपको बता दें कि जेएमएम का यह कदम बीजेपी की ‘परिवर्तन यात्रा’ का राजनीतिक मुकाबला करने के लिए उठाया गया है, जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हजारीबाग रैली में संपन्न किया था. बीजेपी ने भी अपनी ‘गोगो दीदी योजना’ के तहत महिलाओं को ₹2,100 प्रति माह देने का वादा किया है, यदि वे सत्ता में लौटते हैं. राज्य के 2.59 करोड़ मतदाताओं में से 1.26 करोड़ महिलाएं हैं, जिससे दोनों पार्टियां महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं.

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कल्पना सोरेन कैसे बनीं अभियान का चेहरा?

बता दें कि शुरुआत में महिला और बाल विकास मंत्री बेबी देवी को अधिकांश आयोजनों को संबोधित करने के लिए तय किया गया था, लेकिन कल्पना सोरेन का करिश्माई व्यक्तित्व उन्हें अभियान का केंद्र बना गया. 23 सितंबर को शुरू हुई यात्रा के पहले चरण में कल्पना सोरेन ने कोल्हान, दक्षिण छोटानागपुर और पलामू डिवीजनों में 70 रैलियों को संबोधित किया, जो 81 विधानसभा सीटों में से लगभग आधी को कवर करती हैं. इसके अगले चरण में 75 से अधिक रैलियों में भाग लेने की योजना बनाई गई है, जिसमें उत्तर छोटानागपुर और संताल परगना डिवीजन शामिल होंगे.

कल्पना सोरेन की लोकप्रियता और जनता का आकर्षण

साथ ही बता दें कि जेएमएम के कार्यकर्ताओं और विधायकों का कहना है कि कल्पना सोरेन का करिश्माई व्यक्तित्व जनता को आकर्षित कर रहा है. यहां तक कि पार्टी के कमजोर क्षेत्रों में भी कल्पना सोरेन का आगमन भीड़ जुटाने में सफल हो रहा है. सारा‍इकेला के रजनगर क्षेत्र में चार घंटे की देरी के बावजूद, 6,000 से अधिक लोग, खासकर महिलाएं, केवल उनकी एक झलक पाने के लिए इंतजार कर रहे थे. गुमला में उनकी एक रैली में भी काफी भीड़ उमड़ी, जबकि कुछ ही दिन पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वहां रोड शो किया था.

बीजेपी का आरोप और राजनीतिक हमले

वहीं बीजेपी ने हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन को ‘बंटी और बबली’ की उपाधि दी है, जो एक फिल्मी जोड़े पर आधारित है जो लोगों को धोखा देते हैं. राज्य बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा, ”हमारी ‘गोगो दीदी योजना’ के बाद, यह जोड़ी घबरा गई है. यह सरकार कुछ नहीं कर रही है, बंटी और बबली की कहानी ही हेमंत सोरेन की सच्चाई है.”

चुनावी राजनीति में कल्याणकारी योजनाओं का क्या है महत्व

इसके अलावा आपको बता दें कि महिलाओं के लिए बनाई गई ”मैया सम्मान योजना” न सिर्फ कल्याणकारी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह चुनावी राजनीति का भी बड़ा हिस्सा है. कल्पना सोरेन को आगे बढ़ाकर जेएमएम ने यह सुनिश्चित किया है कि महिला सशक्तिकरण के वादे सिर्फ नारों तक सीमित न रहें, बल्कि वास्तविक नेतृत्व में महिलाओं को जगह दी जाए.


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