दुनियां – कट्टरपंथियों के हाथों की कठपुतली बन गए मोहम्मद यूनुस, क्या बांग्लादेश फिर बनेगा पाकिस्तान? – #INA
बांग्लादेश में नफरत की राजनीति ने पाकिस्तान को भी पीछे छोड़ दिया है. हिंदुओं पर हमले, भारत विरोधी प्रोपेगैंडा बांग्लादेश की राजनीति में कट्टरपंथियों का हथियार पहले से थी. अब वो बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति शेख मुजीब के पीछे पड़े हैं. शेख हसीना सरकार का तख्तापलट करते समय जब ढाका में शेख मुजीब की मूर्तियां तोड़ी जा रही थीं तो माना गया कि ये उन्मादी भीड़ का पागलपन है. अब अंतरिम सरकार में सलाहकार बनाए गए कट्टरपंथी ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति भवन से शेख मुजीब की फोटो हटवा दी.
बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट करने के बाद भी वहां के कट्टरपंथियों के नफरत की आग बुझी नहीं है. बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले जारी हैं. बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के निशाने पर इस्कॉन से जुड़े हिंदू हैं. बांग्लादेश में इस्कॉन के मंदिरों पर आतंकी हमले करने वाले ही अब मांग कर रहे हैं कि इस्कॉन को आतंकी संगठन घोषित किया जाए.
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस छवि
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाई समुदाय के लोगों की रक्षा की जिम्मेदारी अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की है. मगर, मोहम्मद यूनुस तो खुद ही कट्टरपंथियों के हाथों की कठपुतली बन गए हैं. बांग्लादेश में उनकी छवि अब ऐसे नेता की है, जो कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए कुछ भी कर सकता है. इसकी मिसाल भी अब दुनिया के सामने है.
बांग्लादेश के राष्ट्रपति के सरकारी आवास बंग भवन में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तीन नए सलाहकारों का शपथ ग्रहण हुआ. उस वक्त बंग भवन के दरबार हाल की दीवार पर बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति शेख मुजीब उर रहमान की तस्वीर नजर आ रही थी. मगर, 24 घंटे बाद ही शेख मुजीब की तस्वीर राष्ट्रपति भवन से भी हटा दी गई.
हम 5 अगस्त के बाद तस्वीरें नहीं हटा पाए थे
तस्वीर हटाने का ऐलान भी मोहम्मद यूनुस की सरकार के सलाहकार महफूज आलम ने किया. सोशल मीडिया पर महफूज आलम ने अपनी फोटो पोस्ट की, जिसके पीछे दिख रही दीवार से शेख मुजीब की तस्वीर गायब थी. बांग्लादेश सरकार के सलाहकार महफूज आलम ने लिखा, ‘1971 के बाद के फासीवादी शेख मुजीब उर रहमान की तस्वीर दरबार हॉल से हटा दी गई है. माफी चाहता हूं, लेकिन जहां तक लोगों के जुलाई के जज्बात ज़िंदा रहेंगे, तब तक वो (शेख मुजीब) कहीं नहीं दिखेंगे. ये शर्म की बात है कि हम 5 अगस्त के बाद बंग भवन से उनकी तस्वीरें नहीं हटा पाए थे’.
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिराते समय भी ढाका में शेख मुजीब की मूर्तियों को ही निशाना बनाया गया था. शेख हसीना पर आरोप था कि वो बांग्लादेश में अपनी अवामी लीग पार्टी की तानाशाही चला रही हैं. शेख हसीना का गुस्सा उनके पिता शेख मुजीब की मूर्तियों पर उतारने के पीछे बांग्लादेश के कट्टरपंथी ही थे, जो बांग्लादेश को पाकिस्तान का हिस्सा बनाए रखना चाहते थे. शेख मुजीब से उनको नफरत थी.
यूनुस को बांग्लादेश प्लानिंग कमीशन का सदस्य बनाया
शेख हसीना की जगह कट्टरपंथियों ने ही अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता बैंकर मोहम्मद यूनुस का नाम आगे बढ़ाया. ये भी बांग्लादेश के कट्टरपंथियों की चाल थी. वो मोहम्मद यूनुस की उदारवादी अर्थशास्त्री की छवि को मुखौटे की तरह इस्तेमाल करना चाहते थे. यूनुस भी इसके लिए तैयार थे, क्योंकि बांग्लादेश की सत्ता पाने का उनका पुराना सपना पूरा हो रहा था. यूनुस का इतिहास ही सत्ता के लिए पलटी मारने का रहा है.
शेख मुजीब जब पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश की आजादी की जंग लड़ रहे थे, तब यूनुस उनका समर्थन करने के लिए अमेरिका के टेनेसी राज्य में बांग्लादेश इन्फॉर्मेशन सेंटर चला रहे थे. बांग्लादेश की आजादी के बाद शेख मुजीब ने यूनुस को बांग्लादेश प्लानिंग कमीशन का सदस्य बना दिया.
यूनुस पर ग्रामीण बैंक में घोटाले के आरोप लगे
1975 में शेख मुजीब की हत्या के बाद मोहम्मद यूनुस ने पलटी मारी और तानाशाह जनरल ज़िया उर रहमान की मदद से उन्होंने बांग्लादेश ग्रामीण बैंक शुरू किया. 2006 में बांग्लादेश में शेख हसीना और खालिदा ज़िया की लड़ाई में राजनीतिक संकट का फायदा उठाने के लिए यूनुस ने नागरिक शक्ति नाम की पार्टी बनाने का ऐलान किया. मगर, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के तत्कालीन प्रमुख फखरुद्दीन अहमद के समझाने के बाद राजनीति से पीछे हट गए.
साल 2011 में अवामी लीग की नेता शेख हसीना सत्ता में आईं तो बांग्लादेश सरकार ने यूनुस को ग्रामीण बैंक से बर्खास्त कर दिया. यूनुस पर ग्रामीण बैंक में घोटाले के आरोप लगे. शेख हसीना सरकार ने युनूस के खिलाफ 174 केस दर्ज़ कर लिए. जनवरी 2024 में बांग्लादेश की कोर्ट ने एक मामले में यूनुस को दोषी ठहराते हुए 6 महीने जेल की सज़ा भी सुनाई.
इसके 7 महीने बाद ही शेख हसीना का तख्ता पलट हुआ तो कट्टरपंथियों और उनका मोहरा बने बांग्लादेश के छात्रों ने यूनुस को अंतरिम सरकार की कमान सौंप दी. शेख हसीना से निजी खुन्नस रखने वाले यूनुस अब पूरी तरह कट्टरपंथियों के हाथों में खेल रहे हैं. खेल भी ऐसा कि बांग्लादेश में शेख हसीना के कट्टर विरोधियों को भी बुरा लगा. जब यूनुस ने राष्ट्रपति भवन से शेख मुजीब की तस्वीर हटवाई तो बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिज़वी ने कहा कि ये गलत हुआ है.
ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी9 भारतवर्ष.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link