देश – Success Story: दो सगे भाईयों की कहानी जान रह जाएंगे हैरान, देश की सर्वोच्च सेवा में रहकर रच रहे इतिहास, जानें दोनों ने कैसे पाया मुकाम #INA

Success Story: कहानी पढ़ने व सुनने में बिल्कुल फिल्मी लगेगी, है 100 प्रतिशत सही. क्योंकि अक्सर फिल्मों ही जुड़वा भाईयों की कहानी बताई जाती है. लेकिन असल जिंदगी में ही देश में ऐसी तमाम कहानी हैं. जिन पर किसी की नजर नहीं जाती है. यहां बात हो रही है बिहार के छपरा की धरती पर जन्में दो ऐसे जुड़वा भाइयों की. जिन पर बिहार ही नहीं, बल्कि पूरा देश गर्व कर रहा है. 17 दिसंबर 1963 को जन्मे ज्योति कलश और अमृत कलश का जीवन एक अद्भुत कहानी है, जो आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है.  ये दोनों भाई हूबहू एक जैसे दिखते हैं, लेकिन उनके करियर ने उन्हें अलग-अलग ऊंचाइयों तक पहुंचाया.. 

IAS ज्योति कलश: प्रशासन और कला का संगम

ज्योति कलश, जो आज नागालैंड के Chief Resident Commissioner के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, न केवल एक बेहतरीन प्रशासनिक अधिकारी हैं, बल्कि एक शानदार कलाकार भी हैं.  1990 बैच के IAS अधिकारी ने प्रशासन के साथ-साथ बॉलीवुड और भोजपुरी सिनेमा में भी अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया. फिल्मों में “Policegiri”, “The Accidental Prime Minister”, “Thailavi”, “The Setter” और “Attacks of 26/11” जैसी चर्चित फिल्में करने के साथ-साथ उन्होंने भोजपुरी में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया. ज्योति कलश ने न केवल अभिनय किया, बल्कि गायन और लेखन में भी अपना योगदान दिया. कोरोना के दौरान उन्होंने कई गाने लिखे और गाए, जिनमें उनके द्वारा गाए गए “Chath ke gaane” और “Shree Ramji Padhare” जैसे भजन बहुत ही प्रसिद्ध हुए.  इसके अलावा, Atal वेबसाइट पर भी उनके योगदान को सराहा गया. उनके द्वारा किए गए अनगिनत अवार्ड्स और प्रतिष्ठान उनके मेहनत का प्रतीक हैं.

IPS अमृत कलश: राजस्थान का ‘सिंघम’

अब बात करते हैं अमृत कलश की, जो 1993 बैच के IPS अधिकारी हैं। अमृत कलश ने राजस्थान के विभिन्न जिलों में एसपी के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं, जहां उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और साहसिक कदमों से अपराधियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया. सिरोही, राजसमंद, उदयपुर और पाली जैसे जिलों में काम करते हुए उन्होंने कानून-व्यवस्था को मजबूत किया और अपनी शख्सियत से अपराधियों के बीच खौफ पैदा किया। उन्हें लोग ‘सिंघम’ के नाम से भी जानते हैं. अमृत कलश का कोरोना महामारी के दौरान खुद एक गाना लिखना और गाना भी चर्चा का विषय बना। इस गाने को लोगों ने बहुत सराहा और इसे एक प्रेरणा के रूप में लिया. उनकी यह पहल उन्हें एक और इंसानियत का प्रतीक बनाती है..

प्रेरणा के स्रोत उनके पिता

इन दोनों भाइयों की सफलता के पीछे उनके पिता पद्मश्री डॉ. रवींद्र राजहंस का आशीर्वाद और मार्गदर्शन रहा है. डॉ. रवींद्र राजहंस साहित्य और काव्य के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम थे और उनके विचारों ने इन दोनों भाइयों को न सिर्फ प्रशासनिक क्षेत्र में, बल्कि कला के क्षेत्र में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने की प्रेरणा दी.ज्योति कलश और अमृत कलश की यह कहानी बिहार के लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए गर्व का कारण है। एक ने नागालैंड में प्रशासन की कमान संभाली, तो दूसरे ने राजस्थान में कानून-व्यवस्था को मजबूत किया।

 


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