भारत ने यूएन बैठक में कहा, सदस्य देशों के परामर्श को दें तवज्जो

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने गुरुवार को यहां यूएन मुख्यालय में सदस्य देशों और रेजिडेंट को-ऑर्डिनेटरों के बीच आयोजित संवाद में हिस्सा लिया। इस दौरान भारतीय राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र विकास प्रणाली द्वारा खुद को पुनः स्थापित करने और सुधारों को मजबूत करने के लिए चल रहे प्रयासों पर जोर दिया।

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हरीश ने संवाद में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा मुद्दों को मुख्यधारा में लाने का काम सदस्य देशों के परामर्श से किया जाना चाहिए और यह हमेशा स्थानीय संदर्भ में और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा भारत में संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार ने विकास प्राथमिकताओं को संबोधित करने के लिए मिलकर काम किया है। दक्षिण-दक्षिण सहयोग एक प्रमुख प्राथमिकता रही है – भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी कोष ने 57 देशों में 87 परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर प्रदान किए हैं।

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने ‘नए शहरी एजेंडा और वैश्विक साझेदारी के कार्यान्वयन’ पर दूसरी समिति की सामान्य चर्चा में भारत का वक्तव्य दिया। उन्होंने भारत द्वारा किए गए विभिन्न नवोन्मेषी उपायों पर प्रकाश डाला, जो समावेशी और टिकाऊ शहरीकरण को बढ़ावा देने में एसडीजी 11 के अनुरूप हैं तथा नए शहरी एजेंडे को तैयार करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के साथ मेल खाते हैं।

भारतीय मिशन के अनुसार, इस दौरान प्रथम सचिव की ओर से वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में भारत के सहयोगात्मक दृष्टिकोण को दर्शाया गया, जिसका उद्देश्य एक ऐसे विश्व का निर्माण करना है, जो सभी के लिए अधिक समावेशी, लचीला और टिकाऊ हो।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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