यूपी- Ghazipur: इस अस्पताल में सेना के जवान और परिवार का हो रहा फ्री इलाज, नंबर लगाने की भी जरूरत नहीं – INA

गाजीपुर जिला फौजियों के जिले के नाम से पूरे देश में जाना जाता है. यहां के कई गांव में रिटायर्ड और कार्यरत फौजी मिलते हैं. इन्हें आर्मी की तरफ से स्वास्थ्य सुविधाएं दी गई हैं, लेकिन गाजीपुर के एक निजी अस्पताल के द्वारा भी फौजियों के सम्मान में अस्पताल में आने वाले सभी फौजी या उनके परिजनों की ओपीडी के साथ ही उनका इलाज फ्री में करने का ऐलान किया गया है. ऐसे में अब इस अस्पताल में जिले के फौजी भाई एवं उनके परिवार के लोग पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठा रहे हैं.

गाजीपुर जिला, जो फौजियों का जिला कहा जाता है. इसी माटी की धरती से परमवीर चक्र वीर अब्दुल हमीद को 1965 की जंग में शहादत के बाद सेना का सर्वोच्च पदक परमवीर चक्र तो 1971 की जंग में शहीद पंडित राम उग्रह पांडे को महावीर चक्र से नवाजा गया था. साथ ही कारगिल युद्ध और अन्य युद्ध में भी कई पदक जीतने वाले वीर सपूतों के नाम से गाजीपुर की पहचान पूरे देश में होती है. ऐसे में इन वीर सपूतों के परिवार की देख-रेख और स्वास्थ्य का हाल-चाल लेना हर नागरिक का धर्म है.

15 अगस्त पर की थी फ्री इलाज की घोषणा

इसी धर्म के नाते महिला डॉ. बीती सिंह के द्वारा संचालित मां कवलपती हॉस्पिटल शास्त्री नगर पर 15 अगस्त 2024 स्वतंत्रता दिवस के दिन से ही फौजी भाइयों के लिए घोषणा की गई थी कि इस अस्पताल में 15 अगस्त के बाद से अपना इलाज कराने आने वाले फौजी और उनके परिवार की ओपीडी के साथ ही अन्य जो भी सुविधाएं हैं, उन्हें निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. सिर्फ इलाज के दौरान जो भी दवा का खर्च होगा, उसे फौजी या उनके परिवार की तरफ से वहन करना होगा.

अब तक एक हजार फौजी करा चुके इलाज

अस्पताल की प्रबंधक डॉ. बीती सिंह महिला रोग विशेषज्ञ ने बताया कि फौजी भाई जो हम सब की सुरक्षा के लिए अपने घर, परिवार का त्याग कर बॉर्डर की रक्षा करते हैं तो ऐसे में हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि उनके और उनके परिवार की देख-रेख करें. हम अब तक करीब 1000 के आसपास फौजी या उनके परिवार के लोगों का इलाज कर चुके हैं. बहुत सारे फौजी नियमित चेकअप और अपने इलाज के लिए आते रहते हैं.

बता दें कि डॉ. स्वतंत्र सिंह ने कोविड-19 के दौरान कोरोना योद्धा के रूप में गाजीपुर के जिला अस्पताल में अपना बेहतर योगदान दिया था, जिसके चलते पूरा जनपद उन्हें जानता है. वह मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर भी हैं और डॉ. बीती सिंह के पति हैं, जिनका निजी आवास पर ही अस्पताल है. यह अस्पताल इनकी पत्नी के द्वारा संचालित है. इस अस्पताल में आए हुए फौजी भाइयों और उनके परिवारों का बेहतर इलाज किया जाता है.

अब वाराणसी जाने की जरूरत नहीं

सेंटर एयर कमान प्रयागराज में कार्यरत और मौजूदा समय में बीआरएस लेकर घर आ चुके फौजी धीरेंद्र सिंह कुशवाहा जो शुक्रवार को अपना नियमित चेकअप कराने के लिए इस अस्पताल पर पहुंचे हुए थे, उन्होंने बताया कि यहां बहुत ही बेहतर सुविधा है. हम चाहेंगे कि इसके माध्यम से अन्य फौजी भाइयों की भी सेवा करते रहें. उन्होंने बताया कि गाजीपुर एक्स सर्विसमैन और सर्विसमैन का एक बड़ा हब है, जिन्हें इस तरह की सुविधा मिलनी चाहिए, क्योंकि जरूरत पड़ने पर वाराणसी उन्हें काफी दूर पड़ता है, लेकिन वाराणसी जैसी सुविधाएं यहां मिल जाने से हम लोगों को काफी सहूलियत मिलती है.


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