यूपी- मुस्लिम बहुल कुंदरकी में हारी सपा, अखिलेश यादव का आरोप- व्यथा बताने लखनऊ आ रहे लोगों को पुलिस ने रोका – INA

महाराष्ट्र चुनाव के बाद यूपी उपचुनाव में भी बीजेपी को शानदार जीत मिली. वहीं सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा. यूपी की 9 में से सात सीटों बीजेपी ने जीत हासिल की जबकि एक सीट उसके सहयोगी आरएलडी के खाते में गई जबकि दो सीटों पर सपा ने जीत हासिल की. मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट भी सपा के हाथ से निकल गई. कुंदरकी में मिली से नाराज अखिलेश ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है.

सपा प्रमुख ने ट्वीट कर कहा कि कुंदरकी में जिन लोगों को सरेआम वोट डालने से रोका गया या जिनके वोट किसी और ने डाल दिए, वो सब लोग अपनी व्यथा बताने के लिए लखनऊ आ रहे थे, क्योंकि वहां स्थानीय स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. इससे भाजपा के चुनावी घपले का भंडाफोड़ हो जाता, इसलिए बीच रास्ते में उनको सीतापुर में यूपी पुलिस ने रोक लिया.

हम महामना राष्ट्रपति महोदय, माननीय सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग, मानवाधिकार आयोग, माननीय राज्यपाल व देश के सभी समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों से आग्रह करते हैं कि इस मामले का तुंरत संज्ञान लें और ये सुनिश्चित करें कि अपने वोट के अधिकार के लिए जो आवाज उठाना चाहते हैं, उनके साथ उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार कोई अन्याय या अत्याचार न कर सके.

11 मुस्लिम उम्मीदवारों में इकलौते हिंदू रामवीर

कुंदरकी सीट पर बीजेपी के रामवीर सिंह ने सपा के मोहम्मद रिजवान को करारी शिकस्त दी. रामवीर सिंह ने रिजवान को 144791 वोट से हराया. रामवीर को 170371 वोट मिले जबकि रिजवान को 25580 वोट प्राप्त हुए. रामवीर सिंह इस सीट पर इकलौते हिंदू कैंडिडेट थे. इस सीट पर उन्होंने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को पटखनी दी. रामवीर सिंह और मोहम्मद रिजवान के अलावा इस सीट पर आजाद समाज पार्टी से चांद बाबू, AIMIM से मोहम्मद वारिश, बीएसपी से रफतुल्ला, सम्राट मिहिर भोज समाज पार्टी से सजैव और निर्दलीय रिजवान हुसैन, रिजवान अली, शोकीन, मोहम्मद उवैश, मसरूर, मोहम्मद उबैश खड़े. रामवीर ने सभी को हराकर यहां जीत हासिल की.

कुंदरकी में BJP ने खत्म किया 30 साल की सूखा

कुंदरकी में जीत हासिल कर बीजेपी ने 30 साल के सियासी सूखे को खत्म कर दिया. बीजेपी ने आखिरी बार इस सीट पर 1993 में जीत दर्ज की थी. उस समय बीजेपी के चंद्र विजय सिंह ने जीत दर्ज की थी. कुंदरकी में 65 फीसदी के करीब मुस्लिम मतदाता होने के चलते सपा यहां अपनी जीत तय मानकर चल रही थी. मगर रामवीर सिंह ने अपने ‘भाईजान मॉडल’ से सपा की सारी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया.




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