सेहत – क्या आप तो जिम में यह गलती नहीं कर सकते? अगर हां तो फिट की रोजमर्रा की जिंदगी खराब हो सकती है

जिंदगी में खाना और सोना जरूरी है, उतना ही जरूरी जरूरी भी है। लगभग हर खिलाड़ी, एक्टर, बिजनेसमैन जिम ग्राहक अपने फिटनेस पर ध्यान देते हैं। जिम की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि अब हर गली में जिम खुल रहे हैं। लेकिन क्या यह फिट करने की बजाय बीमार बना रहा है? हाल ही में इस पर एक अध्ययन सामने आया है जिसमें कहा गया है कि जिम में इस्तेमाल होने वाली दुकान पर सचिवालय सीट से बड़े पैमाने पर घोटाले हुए थे। असली जिम में अगर हाइजीन का ध्यान ना रखा जाए तो कई तरह के इंफेक्शन हो सकते हैं.

गाजियाबाद सीट से 362 विशाल बहुमत
फ़िटर दिनांकित नाम की कंपनी ने कुछ दिन पहले 27 दिनों पहले जिम की सोसायटी पर रिसर्च की इनसाइड सीट के सोसायटी 362 में विशाल बहुमत का रिकॉर्ड पाया था। जांच में हर मशीन के ऊपर एक इंच के हिसाब से लाखों की संख्या में लोग मिले। वहीं, ट्रेडमिल पर पब्लिक स्टेडियम के ग्रुप 74 का बिजनेस बिकाउ थे। यह विद्यार्थी चर्चा का विषय बन रही है। सोशल मीडिया पर यह स्टडी काफी वायरल हो रही है।

जिम में मिले जिंदाबाद
वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टा के अनुसार लगभग 50 लाख भारतीय जिम जाते हैं। जिम में कई लोग आते हैं और एक ही मशीन का इस्तेमाल करते हैं इसलिए इन दुकानों पर कई तरह के डिस्काउंट खरीदे जाते हैं। एक हेल्थ रिसर्च में जिम के इक्विपमेंट्स, ई-कॉमर्स और योगा मैट पर 30% जिंदा स्क्रैप मिला। जनरल ऑफ एथलेटिक ट्रेनिंग चपी नाटा की रिपोर्ट के अनुसार जिम से कई तरह के फंगल और इंटेक्शन इंफेक्शन हो सकते हैं।

हर दिन जिम के फूल को छोटा और धूप में अच्छी तरह से सुखाया जाता है (छवि-कैनवा)

संक्रमण का खतरा
दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में डर्मेटस्टिशियन डॉ. कशिश कालरा कहते हैं कि जिम से रिंगवर्म नाम का फंगल इंफेक्शन हो सकता है। इससे स्कैल्प और शरीर पर गोल आकार के रैशेज हो जाते हैं जो लाल रंग के हो जाते हैं। इसमें खुजली भी होती है. अगर जिम में किसी को एक्जिमा या सिरोसिस है और उसकी त्वचा संबंधी पपड़ी की तरह की समस्या है, तो वह किसी के कॉन्टैक्ट में आ जाए तो दूसरे व्यक्ति को भी यह त्वचा की बीमारी हो सकती है। जिम से एथलीट फुट भी हो सकता है. पिछवाड़े आने की वजह से निकोलस की त्वचा मोटी हो जाती है। इसमें खुजली भी होती है. यह ज्यादातर देर तक पैर नमकीन रहने से होता है। जो लोग वस्तुएँ बनाते हैं, उन्हें भी यह परेशानी होती है। कुछ लोगों को प्लांटर वार्ट्स हो जाता है। पैर की एड़ी में पेट बन जाता है। यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है जो एक वायरल संक्रमण है।

सांस की बीमारी हो सकती है
जिम में सांसत से जुड़े लोग भी तेजी से फैलते हैं। अगर जिम में किसी को फ्लू हो तो यह वायरस नाक या गले के जरिए फेफड़े तक पहुंच जाता है और किसी व्यक्ति को जहर-जुकाम की शिकायत हो जाती है। वायरल बुखार भी तेजी से बढ़ता है। अगर किसी को डेट-जुकाम हो जाए तो उन्हें जिम जाने से बचना चाहिए। बेहतर यह है कि वह कुछ दिन वर्चुअली पार्क या छत पर लांच करे।

आई इंफेक्शन से बचकर रहें
कई बार आंखों में संक्रमण का कारण जिम भी बनता है। यहां पर कैथीथ रेंडरिंग सॉफ्टवेयर और वायरस जब हाथों में छेद कर दिए जाते हैं और बिना हाथ धोए अपनी आंखों पर हाथ लगा दिया जाता है तो इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जिम में खाने पर कई बार खाने वालों की आंखों में जलन होती है और लोग अपनी आंखों को चुभने लगते हैं। फिल्म के दौरान मुंह का पंखा तौलिए से पोस्टर में रखा जाना चाहिए ताकि आंख में धूल झोंकने का खतरा पैदा हो जाए।

जिम में पैर रखें और ना घूमें (Image-Canva)

मैट का खिलाना बीमार हो सकता है
जिम में सबसे बड़ा इंफेक्शन मैट से चिपक जाता है क्योंकि इस पर हर किसी का खाना लगता है। जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के शरीर को खिलाता है तो उस पर प्रभाव पड़ता है। इसी तरह से स्कैल्प में भी इंफ़ेक्शन हो सकता है.

विचार से पहले और बाद में हाथ से जब्त किया गया
ज्यादातर इंफेक्शन हाथों के जरिए ही फैलता है इसलिए जिम में हमेशा पहले से और बाद में साबुन से हाथ जरूर लगवाएं। कई लोग जिम में हॉट रेस्ट, सोना या स्टीम बाथ लेते हैं, जिम में स्टीम रूम या बाथ लेने से परहेज करना चाहिए। अपवित्र होने के कारण से इन स्थानों पर बड़े पैमाने पर सक्रियता होती है।

जिम में पूरे कपड़े पहने
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के टुकड़ों के अनुसार जिम में बहुत सारे बांस के टुकड़े होते हैं इसलिए हमेशा लूज पिज्जा के टुकड़ों के टुकड़े होते हैं। जिम में कभी-कभी आउटकमर्स प्वाइंट ना करें। हर उपकरण का प्रयोग पहले खुद से मशीन, ऑटोमोबाइल या मैट को करें। यह हमेशा के लिए आपके साथ प्लाज्मा स्पीकर। जिम से आने के बाद मोटरसाइकिल वाले कपड़े लगभग देर तक ना सही। गेंस होम इंस्टेंट नाएं और जिम के प्रोडक्ट्स को बाकी बचे सामानों से अलग किया गया। अगर शरीर पर कोई कट है या घाव है तो उसे ठीक करके रखें। जिम में कभी भी अपना असली, साबुन, स्लीपर या स्लीपर किसी से शेयर न करें।


Source link

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science