सेहत – सिर्फ 2 महीने की है ये हरी सब्जी, ठंड में भी शरीर को बनाओ जादू! स्वास्थ्य के लिए बेहद चमत्कारिक

बथुआ के स्वास्थ्य लाभ: बथुआ एक हरी सब्जी है, जो सिर्फ समुद्र के मौसम में ही मिलती है। बथुआ के पराठे से लेकर रायता बनाया जाता है. बथुआ का साग भी कई लोगों को खूब पसंद आता है. बथुआ में पोषक तत्व का बड़ा भंडार होता है और इसे खाने से समुद्र में भी शरीर गर्म रहता है। बथुआ को शरीर के लिए बेहद हानिकारक माना जा सकता है, क्योंकि यह शक्तिवर्धक शक्ति से परिपूर्ण होता है। कोल्ड-खांसी से बच में भी बथुआ बेहद खतरनाक हो सकता है और यही कारण है कि इसे विंटर का सुपरफूड माना जाता है। आज आपको बथुआ के स्वास्थ्य बेनिट्स के बारे में बता रहे हैं।

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (एनसीबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार बथुआ को बेहद खतरनाक माना जा सकता है। बथुआ में विटामिन ए, विटामिन सी. विटामिन के, फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम सहित विटामिन और मात्राएं होती हैं। ओरिएंटल में ये पोषक तत्व शरीर को ठंड से बचने में अहम भूमिका निभाते हैं। विटामिन ए आंखों की सेहत के लिए जरूरी है, जबकि विटामिन सी शरीर की प्रतिरक्षा को बहाल करता है। समुद्र में भाप-खांसी और फ्लू से बचने के लिए बथुआ का सेवन बेहद खतरनाक हो सकता है। बथुआ में नारियल और अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्यवर्धक होते हैं।

बथुआ में अखरोट की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है और कब्ज की समस्या से राहत देता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में अनाज की समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे बचने के लिए बथुआ खाना स्वादिष्ट हो सकता है। बथुआ में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। बथुआ का सेवन दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि यह ब्लड ग्लूकोज और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है। बथुआ में चॉकलेटिंग गुण पाए जाते हैं, जिसकी वजह से यह शरीर में सीलिंग गुण बनाए रखा जा सकता है।

बथुआ में मौजूद आयरन निवेशकों की परेशानी से बचने में मदद मिलती है। बथुआ के लिए माना जाता है बथुआ. बथुआ में एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को दवा प्रदान करते हैं। यह समुद्री तट के समुद्र तट में त्वचा की नालियों की रोकथाम में मदद करता है। बथुआ के बीजों की सेहत में भी सुधार होता है। बथुआ में कैल्शियम और पिरामिड जैसे ज्वालामुखी होते हैं, जो जोड़ों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे ज्वालामुखी से बचाते हैं। हालाँकि बथुआ को अच्छी तरह साफ करके पकाना चाहिए। कच्चे बथुआ को स्वास्थ्यवर्धक बनाकर बेचा जा सकता है। ऐसे में सावधानी बरतें.

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