पूसा में अनुसूचित जाति के किसानों को मुफ्त में मिले धान के बीज से धन के बाली मे दाना नहीं आया भारी नुकसान
रिपोर्ट अमरदीप नारायण प्रसाद
आईएआरआई के अध्यक्ष अविलंब किसानों को उचित मुआवजा दें वरना भाकपा-माले आंदोलन करने को बाध्य होगी
पूसा प्रखंड के चकले वैनी पंचायत के अनुसूचित जाति के किसानों को मुफ्त में मिले धान के बीज की बुआई करने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) पूसा के अध्यक्ष उचित मुआवजा दें। किसानों से बात करने पर उन्होंने बताया है कि उनके खेतो में हुए फसल में धान की बाली में दाना नहीं है। जिससे उनकी मेहनत व खेती में लगा पैसा बर्बाद हो गया। ऐसे पीड़ित किसानों की संख्या सैकड़ों में है। किसानों ने बताया कि जुलाई माह में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, पूसा (आईएआरआई) के अध्यक्ष ने अपने वैज्ञानिको के साथ गांव में शिविर लगा अनुसूचित जाति के किसानों के बीच मुफ्त धान का बीज वितरित किया था। लेकिन फसल होने पर उन पर आफत टूट पड़ा। फसल तैयार होने के बाद जब धान की बाली सें दाना ही नहीं था। जिससे किसानों के होश उड़ गये। किसानों का आरोप था कि वे लोग इसकी शिकायत करने संस्थान कार्यालय पहुंचे तो उनके साथ दुर्व्यवहार करने के साथ पुलिस का घौंस दिखा भगा दिया गया। भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार ने आईएआरआई के अध्यक्ष से अविलंब किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। तत्काल मुआवजा नहीं देने पर संस्थान के अध्यक्ष के खिलाफ भाकपा-माले आंदोलन करने को बाध्य होगी।