यूपी- लखीमपुर खीरी विधायक थप्पड़ कांड में बड़ा एक्शन, बार अध्यक्ष समेत चार लोग BJP से निष्कासित – INA

लखीमपुर में बीजेपी विधायक योगेश वर्मा को पीटने के मामले में पार्टी ने बड़ा एक्शन लिया है. पार्टी ने मारपीट करने वाले बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश सिंह और उनकी पत्नी पुष्पा सिंह समेत चार लोगों को बीजेपी से बर्खास्त कर दिया है. इनमें अनिल यादव और ज्योति शुक्ला भी शामिल हैं. प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने पत्र जारी किया है.

बताया जा रहा है कि विधायक योगेश वर्मा सोमवार 14 अक्टूबर को 20 विधायकों के साथ लखनऊ में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मिलने लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने अध्यक्ष और राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. जिसके बाद बीजेपी की यूपी इकाई ने कार्रवाई की और चारों लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इससे पहले पार्टी ने अवधेश सिंह समेत चार लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. हालांकि यूपी सरकार ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था, वहीं अब पार्टी ने सख्त कार्रवाई करते हुए इन लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ता मारपीट का वीडियो

दरअसल, बीते 9 अक्टूबर को अर्बन कोऑपरेटिव बैंक चुनाव के दौरान अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने विधायक योगेश वर्मा के साथ मारपीट की थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि योगेश वर्मा सामने से आ रहे हैं, इसी दौरान अवधेश सिंह उन्हें थप्पड़ मार देते हैं. जिससे योगेश वर्मा भड़क जाते हैं और वो भी मारने के लिए आगे बढ़ते हैं.

इस बीच अवधेश सिंह के समर्थक वहां पहुंच जाते हैं. इसके बाद सभी लोग विधायक के साथ मारपीट करने लगते हैं. इस घटना से तनाव बढ़ जाता है, हालांकि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव किया. वहीं घटना के बाद विधायक ने अपनी सुरक्षा लौटा दी थी. हालांकि विधायक की तहरीर के बावजूद भी पुलिस ने अवधेश सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं थी .

पुलिस मुकदमा दर्ज करने को तैयार

हालांकि घटना के पांच दिन बाद अब लखीमपुर पुलिस मुकदमा दर्ज करने को तैयार हो गई है. बताया जा रहा है कि विधायक की दी हुई तहरीर पर ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा. ऐसे में अब अवधेश सिंह और उनके साथियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

सपा ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

वहीं इस मामले पर सूबे की सियासत भी गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. एफआईआर दर्ज न होने पर उन्होंने इसे अपने पीडीए फॉर्मूले से जोड़ दिया है. सोशल मीडिया पर उन्होंने एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के विधायक जी के अपमान की सच्ची वजह ये है कि वो सत्ता पक्ष के विधायक होने से पहले एक पीडीए हैं. वहीं लखीमपुर खीरी से सपा सांसद उत्कर्ष वर्मा ने भी राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब सूबे में विधायक ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम आदमी का क्या होगा.




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