यूपी- Diwali 2024: वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने उतारी श्रीराम की आरती, कहा- राम नाम का दीपक जलाएं – INA

कट्टरपंथियों और जिहादियों को प्रभु श्रीराम सद्बुद्धि दें और दुनिया भर में फैली हिंसा और वैमनस्य की जगह प्रेम और शांति का मार्ग प्रशस्त हो. इस भावना के साथ वाराणसी के लमही में मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने दिवाली के अवसर पर प्रभु श्रीराम की आरती की. मुस्लिम महिलाओं ने अपने हाथों से रंगोली बनाई. भगवान श्रीराम की प्रतिमा को पुष्पों से सजाया और उर्दू में लिखी राम आरती का गायन करते हुए भगवान की आरती उतारी.

मुस्लिम महिलाएं वर्ष 2006 से भगवान श्रीराम की आरती उतार कर सांप्रदायिक एकता और सौहार्द्र का संदेश देती आ रही हैं. इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सद्र नाजनीन अंसारी ने फिलिस्तीन, इजराइल, लेबरान, सीरिया, यूक्रेन और रूस के राष्ट्राध्यक्षों को चिट्ठी लिखकर भगवान श्रीराम की भक्ति का प्रचार-प्रसार करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि इससे युद्ध खत्म होंगे, शांति आएगी और देश के नागरिक मानवता का पाठ सीखेंगे.

इजराइल और फिलिस्तीन राम के रास्ते पर चलें

मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि शांति स्थापना के लिए अनिवार्य शर्त भगवान श्रीराम का आदर्श और रामराज्य है. रामराज्य की परिकल्पना लोगों को भेदभाव से मुक्त कर सकती है और सबको गले से लगाकर स्वीकार कर सकती है. इजराइल और फिलिस्तीन दोनों को भगवान श्रीराम के रास्ते पर चलना चाहिए.

राम के चरित्र की शिक्षा दें

यदि भारत का मुसलमान सबके बीच में प्रिय होना चाहता है तो अपने घरों में राम के चरित्र की शिक्षा दे. मजहब केवल अलग है, लेकिन भारत का हर मुसलमान पूर्वजों, परम्पराओं और संस्कृति से एक ही है. भगवान राम ही पूरी दुनिया के पूर्वज हैं. उनके रास्ते पर चलकर ही दिलों में प्रेम और भावना विकसित होगी. अब रामभक्ति का प्रसार मुस्लिम देशों में हो और दुनिया को शांति के रास्ते पर जाने में मदद मिले.

उर्दू में श्रीराम आरती

तिलावत करते हैं, हर खास ओ आम
रोजाना हम जिनका, लेते हैं नाम
रहम करने वाले हैं, वो हैं करीम, अपने श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।

मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, हैं धर्म की जान
हिंद की अवाम समझे, इनको ही हिंद की शान
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।

जर्रे-जर्रे में जिनका, लिखा है नाम
रहते हैं वो, हर दिल में हमारे श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।

मुल्की-गैर मुल्की जिनका, खोजते हैं धाम
जान ले हर कोई, अयोध्या के हैं श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।

अयोध्या है हमारे जियारत गाह का नाम
रहते हैं वहां मालिक-ए-कायनात श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।

आओ मिलकर हम सब करें उनको सलाम
तकलीफ और गरीबी, दूर करते श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।

जो लेता है, उनका सौ बार नाम
रहम करते हैं उस पर, हमारे श्रीराम
जय श्रीराम, जय श्रीराम।।


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