अररिया : बिहार सरकार द्वारा प्रदत्त राशि को पीड़िता ने डीएलएसए को किया वापस न्याय सब के लिए JUSTICE FOR ACCESS TO ALL
(मंटू राय) संवाददाता अररिया
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जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम मनोज कुमार तिवारी ने दिया आदेश एससी / एसटी मामले मे पीड़िता ने प्राप्त किये थे 75 हज़ार रुपये
न्यायमण्डल अररिया के एससी/एसटी के एक मामले में सुचिका सह पीड़िता ने शनिवार को डीएलएसए कार्यालय जाकर बिहार सरकार द्वारा प्रदत्त राशि 75 हज़ार रुपये को वापस कर उचित रशीद न्यायलय मे जमा कर दिया है। यह आदेश सुचिका सह पीड़िता द्वारा केस में मेल कर लेने के कारण अभियोजन पक्ष के एससी/एसटी एक्ट के स्पेशल पीपी कलानंद राम के आवेदन पर दिया है। बिहार सरकार द्वारा प्रदत्त 75 हज़ार रुपये की राशि जमा होने की पुष्टि अवर न्यायधीश सह डीएलएसए सेक्रेटरी रोहित श्रीवास्तव ने की है।
बताया जाता है कि जिले के सिकटी थाना क्षेत्र के भिड़भड़ी गांव की रहने वाली एक अनुसूचित जाति की महिला के साथ गांव के दो व्यक्ति क्रमशः हीरा लाल मंडल व सत्यनारायण मंडल के द्वारा 07 जुलाई 2018 को जाति सूचक गाली गलौज करते हुए मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में पीड़िता सह सुचिका की ओर से अररिया एससी/ एसटी थाना कांड संख्या 52/2018 दर्ज कराई गई थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायलय मे 08 गवाहो ने घटना का पूर्ण समर्थन किया था। इस बावत बिहार सरकार की ओर से पीड़िता को 75 हज़ार रुपये की राशि प्रदान की गई थी। इसके बाद ग्रामीण पंचायती को लेकर 22 अक्टूबर 2024 को पीड़िता सह सुचिका ने न्यायालय में उपस्थित होकर न्यायधीश के समक्ष अपने बयान में कहा कि केस में राजी खुशी से मेलमिलाप हो गया है. आज मै अपनी इच्छा से गवाही देने आई हूँ।
केस को अगर खत्म कर दिया जाय तो मुझे कोई आपत्ति नही होगी. इसके बाद अभियोजन पक्ष से एससी/एसटी के स्पेशल पीपी कलानंद राम ने न्यायालय के न्यायधीश को आवेदन दिया कि एससी/एसटी केस करने पर पीड़िता को बिहार सरकार की ओर से 75 हज़ार रुपये मिला है, केस मेल होने पर पीड़िता को राशि वापस करना न्यायोचित है. पीड़िता ने भी न्यायलय के समक्ष स्वीकारा की बिहार सरकार द्वारा प्राप्त 75 हज़ार रुपये को वापस लौटाने के लिए तैयार हूँ। मामले की गम्भीरता को देखते हुए न्यायालय के न्यायधीश श्री तिवारी ने पीड़िता को आदेश दिया कि वे बिहार सरकार से प्राप्त 75 हज़ार रुपये की राशि को 16 नवंबर को डीएलएसए कार्यालय में जमा कर मूल रशीद न्यायलय मे समर्पित करें।