आगरा: टैक्सेशन बार एसोसिएशन की बैठक: जीएसटी एक्ट में संशोधनों पर हुई गर्मागर्म चर्चा

आगरा: टैक्सेशन बार एसोसिएशन ने हाल ही में आयोजित एक महत्वपूर्ण परिचर्चा के माध्यम से जीएसटी एक्ट के प्रावधानों में हुए संशोधनों पर विचार-विमर्श किया। यह कार्यक्रम 9 नवंबर, 2024 को राज्य-कर विभाग के कांफ्रेंस हॉल में आयोजन किया गया, जिसमें जीएसटी काउन्सिल की 53वीं और 54वीं मीटिंग में प्रस्तावित संशोधनों को केंद्र में रखा गया। यह कार्यक्रम एसजीएसटी स्टडी सर्किल के तत्वावधान में, चेयरमैन एडवोकेट सतीश चन्द्र गुप्ता की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

इस कार्यक्रम की शुरुआत टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार सहगल के उद्घाटन भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने इस चर्चा की महत्वता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “इस प्रकार की ज्ञानवर्धक परिचर्चाएं अधिवक्ताओं और व्यापारी समाज के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगी। इससे हम अपने क्लाइंट्स को सरकार द्वारा किए गए नवीनतम परिवर्तनों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर सकते हैं।”

परिचर्चा में चार प्रमुख स्पीकर्स ने अपने-अपने विषयों पर गहन जानकारी प्रस्तुत की। अभिनव बंसल ने ITC (Input Tax Credit) के प्रावधानों पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने इसके लाभ और कार्यप्रणाली को स्पष्ट किया। मनु कुलश्रेष्ठ ने सेक्शन 128A के अंतर्गत ब्याज और पेनाल्टी माफी योजना के बारे में बताने के साथ-साथ फॉर्म SPL 01-08 के महत्व को भी समझाया। अंकित अग्रवाल ने मेटल स्क्रैप व्यापारियों पर लागू RCM (Reverse Charge Mechanism) और TDS (Tax Deducted at Source) जैसे प्रावधानों पर गहन दृष्टिपात किया। अंत में, सीताराम छाबड़ा ने टैक्स रेट नोटिफिकेशन और कमर्शियल प्रॉपर्टी रेंट पर RCM के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।

महासचिव संजय भटनागर ने सभा का संचालन किया और प्रत्येक वक्ता के योगदान को सराहा। बैठक में कई प्रमुख कर अधिवक्ता उपस्थित थे, जिनमें अनिल आदर्श जैन, राकेश बाबु गर्ग, अनुराग भटनागर, अरुण सक्सेना, और अन्य चर्चित व्यक्तित्व शामिल थे। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में विभिन्न अधिवक्तागणों ने भाग लिया, जो इस क्षेत्र में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए तत्पर थे।

यह कार्यक्रम न केवल अधिवक्ताओं के लिए, बल्कि व्यापारियों के लिए भी शिक्षा का एक महत्वपूर्ण माध्यम सिद्ध हुआ। जीएसटी कानूनों में निरंतर हो रहे परिवर्तनों के संदर्भ में ऐसी चर्चाओं की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। यह टैक्सेशन बार एसोसिएशन की पहल मानी जाएगी, जो न केवल ज्ञान का विस्तार करती है, बल्कि वकीलों और व्यापारियों को एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है, जिससे वे नवीनतम प्रावधानों के प्रति तैयार रह सकें।

इस प्रकार, टैक्सेशन बार एसोसिएशन की यह बैठक जीएसटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों पर गंभीर चर्चाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। संगठन के सदस्यों को इस तरह की संवाद सत्रों के माध्यम से अपने ज्ञान को अद्यतन करने का अवसर मिलता है, जो अंततः पेशेवर कार्यक्षमता में सुधार लाता है। भविष्य में भी इस तरह के ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों की आवश्यकता बनी रहेगी, ताकि वकील और कारोबारी दोनों ही अपने कार्यक्षेत्र में सफल रह सकें।

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