खबर शहर , समस्या: खैर उपचुनाव में लगे पशु चिकित्साधिकारी और कर्मचारी, पशुओं का टीकाकरण ठप – INA

अलीगढ़ के पशु चिकित्साधिकारियों और कर्मचारियों के खैर उप चुनाव में व्यस्त होने की वजह से जिले में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) ठप पड़ गया है। जिले में 45 दिन में 11 लाख पशुओं का टीकाकरण होना था। लेकिन 18 दिनों में महज 2.78 लाख पशुओं को ही टीका लग सका है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि 27 दिनों में बचे 8.5 लाख पशुओं का टीकाकरण कैसे होगा।

खुरपका-मुंहपका रोग नियंत्रण व बीमारी के पूर्ण उन्मूलन के लिए सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत प्रति एक हजार मवेशियों के टीकाकरण के लिए एक वैक्सीनेटर की तैनाती की गई है। 45 दिवसीय अभियान का शुभारंभ 22 अक्तूबर को हुआ। जिसमें जिले में 11.28 लाख गोवंश और भैंसों को मुफ्त टीका लगाने का लक्ष्य दिया गया था। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एनएन शुक्ला का कहना है कि चिकित्साधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगने से अभियान सुस्त पड़ गया है। बाकी बचे पशुओं का भी जल्द टीकाकरण कराया जाएगा।

18 दिनों में तीन लाख पशुओं का टीकाकरण कराया जा चुका है। बाकी बचे पशुओं का टीकाकरण जल्द ही करा लिया जाएगा। इसके लिए सभी पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। – एनएन शुक्ला, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

ब्लॉक पशुओं का वैक्सीनेशन संख्या


  • टप्पल-18,899
  • चंडौस-22,395
  • खैर-16,989
  • गोंडा-31,787
  • इगलास-13,522
  • धनीपुर-27,143
  • अकराबाद-27,790
  • बिजौली-14,886
  • जवां-26,760
  • अतरौली-25,100
  • गंगीरी-49,143
  • शहर-4,131
  • कुल-2,78,545
संक्रामक एवं घातक है खुरपका-मुंहपका
सीवीओ ने बताया कि यह बीमारी पशुओं के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। यह संक्रामक एवं घातक विषाणुजनित रोग है। तेज बुखार तथा बीमार पशु के मुंह मसूड़े, जीभ के ऊपर, नीचे होंठ के अंदर का भाग, खुरों के बीच की जगह पर छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं। धीरे-धीरे यह दाने आपस में मिलकर बड़ा छाला बनाते हैं और . चलकर घाव हो जाता है। जिससे पशु जुगाली करना बंद कर देता है। टीकाकरण ही बचाव का प्रमुख उपाय है।


Credit By Amar Ujala

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