दुनियां – अतीत को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए… जानें भारत-पाकिस्तान संबंधो पर क्या बोले पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ – #INA

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अध्यक्ष नवाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को अतीत को पीछे छोड़कर अच्छे पड़ोसियों की तरह आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को अब बातचीत शुरू करनी चाहिए. पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पाकिस्तान यात्रा को अच्छी शुरुआत बताया.
जयशंकर एससीओ के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान पहुंचे थे. पिछले नौ सालों में पाकिस्तान जाने वाले वो पहले भारतीय विदेश मंत्री बने. शरीफ ने भारतीय पत्रकारों से बातचीत में दोनों देशों के संबंधों में मौजूद खटास पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों पक्ष सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे.इस दौरान उन्होंने पीएम की लाहौर यात्रा का भी जिक्र किया.
प्रधानमंत्री मोदी की लाहौर यात्रा का जिक्र
नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिसंबर 2015 में अचानक लाहौर में उतरने की घटना को याद किया. यह दौरा उस समय हुआ जब मोदी काबुल से लौटते वक्त लाहौर में रुके और शरीफ को उनके जन्मदिन की बधाई दी. शरीफ ने इस यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी. उन्होंने कहा कि इस तरह के छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कदमों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह देशों के बीच आपसी विश्वास और सद्भावना को मजबूत करने में काफी अहम रोल निभाते हैं.
क्रिकेट संबंधों की बहाली की अपील
नवाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने कीअपील भी की. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की क्रिकेट टीमें जब एक-दूसरे के देशों में खेलेंगी, तो इससे न केवल खेल के क्षेत्र में बल्कि आपसी संबंधों में भी सुधार होगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर दोनों टीमें किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में आमने-सामने होती हैं, तो वे खुद भारत की यात्रा करना चाहेंगे. शरीफ ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच टीम न भेजने से किसी को कोई फायदा नहीं होगा. दोनों देश पूरी दुनिया में खेलते हैं, लेकिन अपने पड़ोसी देशों के साथ खेल संबंधों में रोक लगाना सही नहीं है.
व्यापारिक संबंधों पर विचार
इसके साथ ही नवाज शरीफ ने भारत-पाकिस्तान के व्यापारिक रिश्तों का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए संभावित बाजार हैं और व्यापारिक रिश्ते बहाल किए जाने चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि जब अमृतसर से लाहौर की दूरी कम है, तो व्यापारिक माल दुबई होकर क्यों जा रहा है? उन्होंने कहा कि इस प्रकार की व्यवस्थाओं से न केवल समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि इससे आर्थिक लाभ भी कम हो रहा है.
शरीफ ने 1999 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ऐतिहासिक लाहौर यात्रा को भी याद किया. उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का एक महत्वपूर्ण पड़ाव थी, और इसे एक मिसाल के रूप में लिया जाना चाहिए.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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