दुनियां – बाइडेन ने आधी रात को इमरजेंसी कॉल क्यों लगाए, जानें यूरोपीय देशों से क्या बोले – #INA

अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन शासन का अंत होने वाला है. 20 जनवरी से डोनाल्ड ट्रंप राज शुरू होने वाला है. बाइडेन के पास वक्त बहुत कम है, इसलिए उन्होंने न सिर्फ यूक्रेन बल्कि पूरे यूरोप को बचाने का अभियान लॉन्च कर दिया है. बाइडेन का ये रक्षा मिशन तब शुरू हुआ जब उन्होंने आधी रात यूरोप के पास देशों के राष्ट्र प्रमुखों को फोन किया. सवाल यही है कि आखिर बाइडेन ने आधी रात ये इमरजेंसी कॉल क्यों किया? बाइडेन ने यूरोपीय देशों से क्या कहा?
यूक्रेन के साथ-साथ यूरोप के कई देशों पर खतरा मंडरा रहा है. यूक्रेन से युद्ध जीतने के साथ ही रूस यूरोप पर धावा बोल सकता है. रूस के रडार पर नॉर्डिक और बाल्टिक देश हैं. रूस के खतरनाक मंसूबे को देखते हुए न सिर्फ यूरोप में मौजूद नाटो देश परेशान हैं, बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी टेंशन में हैं.
नाटो देशों से यूक्रेन को सरेंडर से बचाने का इंतजाम
पहले यूक्रेन और फिर यूरोप को बचाने की जो मुहिम है, उसकी कमान अब खुद बाइडेन ने अपने हाथ में ले ली है. यूरोप के कई देशों में बाइडेन ने मिडनाइट इमरजेंसी कॉल की. बाइडेन ने यूरोप में मौजूद नाटो देशों से यूक्रेन को सरेंडर से बचाने का इंतजाम करने को कहा. व्हाइट हाउस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 26 नवंबर की रात बाइडेन ने कम से कम यूरोप के 5 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात की. हर किसी ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि रूस जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है अगर उसे रोका नहीं गया तो न सिर्फ यूक्रेन सरेंडर को मजबूर हो जाएगा बल्कि यूरोप का अस्तित्व भी खतरे में आ जाएगा.
बाइडेन ने कहा कि अगर यूक्रेन की मदद नहीं की गई, अगर रूस को नहीं रोका गया, तो भविष्य में यूरोप पर रूस का राज कायम हो जाएगा. बाइडेन ने नाटो देशों से अपील की है कि वो यूक्रेन को 2 लाख करोड़ रुपए के हथियार सप्लाई करें. बाइडेन की इसी अपील के बाद यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई तेज हो गई. पोलैंड यूक्रेन को MiG-29 लड़ाकू विमानों की फ्लीट देने जा रहा है. नीदरलैंड्स यूक्रेनी नेवी को युद्धपोत देने जा रहा है. इटली ने यूक्रेनी फोर्स को बख्तरबंद वाहन देने का फैसला किया है. जर्मनी यूक्रेन को दो IRIS-T एयर डिफेंस सिस्टम देगा.
लंबी दूरी की मिसाइलें मुहैया करवाएं- US
इसके अलावा नाटो ने सदस्य देशों से अपील की है कि वो यूक्रेन को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें मुहैया करवाएं, वरना यूक्रेन को हार से कोई नहीं बचा सकता है. उधर, अमेरिका की मदद से यूक्रेन नए और घातक ड्रोन का निर्माण कर रहा है. माना जा रहा है कि ये यूक्रेन को बचाने का अंतिम प्रयास है. ट्रंप शासन शुरू होने से पहले ही यूक्रेन को रेस्क्यू करने का प्लान है क्योंकि नाटो को मालूम है कि ट्रंप व्हाइट हाउस पहुंचते ही युद्ध को रोकने में जुट जाएंगे.
ब्यूरो रिपोर्ट, TV9 भारतवर्ष

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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