देश- क्या वर्ली सीट पर आदित्य की राह होगी आसान? माहिम में राज ठाकरे के बेटे को उद्धव ठाकरे दे सकते हैं वाकओवर- #NA

महाराष्ट्र की सियासत में ठाकरे परिवार से एक और सदस्य की चुनाव पिच पर उतरने की तैयारी है. पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने पिछले विधानसभा चुनाव में मुंबई की वर्ली सीट से सियासी डेब्यू किया था तो इस बार मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे माहिम सीट से मैदान में उतरने जा रहे हैं. अमित ठाकरे माहिम से चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें उद्धव ठाकरे वाकओवर दे सकते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वर्ली विधानसभा सीट पर आदित्य के लिए राज ठाकरे फिर एक बार बड़ा दिल दिखाएंगे?

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज ठाकरे के सामने अमित ठाकरे को माहिम सीट से चुनाव लड़ाने का ऑफर दिया है. माहिम सीट पर मनसे 2009 में जीत दर्ज कर चुकी है और इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट शिवसेना (यूबीटी) के खाते में जाने की संभावना है. पिछले दो चुनाव से इस सीट पर उद्धव ठाकरे की पार्टी का विधायक है. अमित ठाकरे माहिम सीट से उतरते हैं तो शिवसेना (यूबीटी) विरोध नहीं कर सकेगी. ऐसे में अमित ठाकरे के जीत की राह आसान हो सकती है. माना जा रहा है कि मनसे की दूसरी लिस्ट में अमित ठाकरे के नाम का ऐलान किया जा सकता है.

2019 में राज ठाकरे ने वर्ली में नहीं उतारा था उम्मीदवार

महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग में माहिम सीट शिवसेना (यूबीटी) के खाते में जानी है. शिवसेना (यूबीटी) के एक धड़े ने शीर्ष नेतृत्व को सुझाव दिया है कि अगर अमित ठाकरे माहिम से मैदान में उतरते हैं तो पार्टी को माहिम से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. उद्धव ठाकरे अगर माहिम सीट पर अमित ठाकरे को वाकओवर देते हैं तो फिर बगल में वर्ली सीट पर भी बड़ा उलटफेर हो सकता है. वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे के खिलाफ 2019 में राज ठाकरे ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, लेकिन इस बार राज ठाकरे ने अपने करीबी संदीप पांडेय को प्रत्याशी बनाया है.

पिछले विधानसभा चुनावों में आदित्य ठाकरे ने वर्ली सीट पर 67,427 वोटों के अंतर से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. ठाकरे परिवार के आदित्य ठाकरे पहले ऐसे शख्स बने थे, जिन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा था. 2024 के लोकसभा चुनाव में मुंबई साउथ से शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत भले ही जीतने में सफल रहे थे, लेकिन वर्ली सीट पर उन्हें सिर्फ 6,715 वोटों की बढ़त मिली थी. वर्ली मुंबई दक्षिण के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से उन चार क्षेत्र में सबसे कम था. इसे देखकर ही विपक्ष ने वर्ली में आदित्य ठाकरे को घेरने की स्ट्रैटेजी बनाई है.

वर्ली में मराठा वोटों में हो सकता है बिखराव

2019 विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे को वाकओवर देने वाले राज ठाकरे ने अपने करीबी संदीप पांडेय को उतारकर बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. संदीप देशपांडे ने 2017 के नगर निगम चुनाव में वर्ली में लगभग 33 हजार वोट हासिल किए थे. राज ठाकरे के उम्मीदवार उतारने से वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे के लिए टेंशन बढ़ सकती है, क्योंकि मराठा वोटों में बिखराव तय माना जा रहा है. माहिम सीट पर अमित ठाकरे के खिलाफ अगर उद्धव ठाकरे कैंडिडेट नहीं उतारते हैं तो फिर राज ठाकरे पर भी वर्ली सीट पर आदित्य के खिलाफ अपना प्रत्याशी हटाने का दबाव बढ़ जाएगा.

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे भले ही एक दूसरे से अलग हो चुके हैं, लेकिन राजनीतिक रूप से एक दूसरे पर हमला करने से परहेज करते रहे हैं. आदित्य ठाकरे की तरह ही अमित ठाकरे भी ठाकरे परिवार से हैं. ऐसे में ठाकरे परिवार की कोशिश अपने दोनों सदस्यों को जीतने की कवायद होगी. हालांकि, यह अभी भी देखा जाना बाकी है कि राज ठाकरे अपने बेटे को चुनावी मैदान में में उतरते हैं या नहीं.

अपने चाचा की तर्ज पर शियासत करते हैं राज ठाकरे

राज ठाकरे अपने चाचा और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की तर्ज पर सियासत करते रहे हैं. बालासाहेब ठाकरे ने बिना चुनाव लड़े शिवसेना को सत्ता तक पहुंचाया. उन्होंने अपने सैनिकों को विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बनाया. राज ठाकरे अपने चाचा बाल ठाकरे के नक्शेकदम पर ही चल रहे हैं और चुनावी पिच पर उतरने से अभी तक परहेज किया है, लेकिन उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के बाद अमित ठाकरे के चुनाव मैदान में उतारने की मांग तेजी से की जा रही है.

2009 के बार से लगातार गिर रहा है पार्टी का ग्राफ

महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना से अलग होने के बाद राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नाम से पार्टी बनाई थी. 2009 के विधानसभा चुनाव में मनसे के 13 विधायक जीतने में सफल रहे थे, लेकिन उसके बाद से धीरे-धीरे पार्टी का ग्राफ कम होने लगा था. मौजूदा समय में मनसे के पास पास सिर्फ एक विधायक है. राज ठाकरे महाराष्ट्र के सत्ता के खेल में अपने विधायकों की संख्या बढ़ाकर किंगमेकर बनना चाहते हैं, जिसके लिए इस बार बहुत ही स्ट्रैटेजी के साथ उम्मीदवार उतार रहे हैं. इसी कड़ी में अमित ठाकरे के चुनाव लड़ने की चर्चा है, लेकिन सवाल यह है कि माहिम में उद्धव ठाकरे वाकओवर देते हैं तो वर्ली सीट पर राज ठाकरे भी क्या सियासी मददगार आदित्य ठाकरे के लिए बनेंगे?

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