देश – क्या है Triphallia, जिसकी वजह से शख्स पास थे तीन प्राइवेट पार्ट, डॉक्टर्स हैरान! #INA

What is Triphallia: एक बेहद दुर्लभ मामला सामने आया है. एक मृत शख्स का जब डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया तो वो हैरान रह गए. उस शख्स को एक अत्यंत दुर्लभ बीमारी थी. इतनी दुर्लभ कि इंसानों में दर्ज किया गया ये दूसरा मामला है. उस शख्स को ट्रायफैलिया था, लेकिन हैरानी की ये बात थी कि वो ये जाने बिना ही मर गया कि उसे ये बिमारी थी. ऐसे में आइए जानते हैं कि ये ट्रायफैलिया क्या है?

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क्या है पूरा मामला

यूनाइटेड किंगडम (यूके) में एक शख्स की मौत हो गई थी. वह 78 वर्षीय था. उसके मृत शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए दान दिया गया था. यूके में चिकित्सा दान कानूनों का मतलब है कि इस आदमी के बारे में इस तथ्य के अलावा कोई अन्य जानकारी उपलब्ध नहीं है कि वह एक आदमी था और वह 78 वर्ष का था और अब वह मर चुका है. जब डॉक्टरों ने उसका पोस्टमार्टम किया, तो वो उसके शरीर में अजीब चीजें देखने को मिलीं.

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क्या है ट्रायफैलिया? (What is Triphallia)

दरअसल, उस शख्स के एक नहीं बल्कि तीन प्राइवेट पार्ट्स थे. वह तीन प्राइवेट पार्ट (P*nises) के साथ पैदा हुआ था, लेकिन वो शख्स ये जाने बिना ही मर गया कि उसके शरीर पर तीन पारवेट पार्ट थे. उसका एक प्राइवेट पार्ट आम पुरुषों की तरह ही शरीर से बाहर था जबकि अन्य दो प्राइवेट पार्ट शरीर के अंदर थे. डॉक्टरों ने इस मामले को पूरी तरह से अप्रत्याशित और अजीबोगरीब बताया. इसी कंडीशन या बिमारी को ट्रायफैलिया कहते हैं.

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बर्मिंघम यूनिविर्सिटी के रिसर्चर्स ने जर्नल ऑफ मेडिकल केस रिपोर्ट्स में इस शख्स के मामले का पूरी डिटेल में खुलासा किया है. इससे पहले 2020 में एकमात्र मामला दर्ज किया गया था. तब एक शिशु के शरीर पर दो प्राइवेट पार्ट्स पाए गए थे यानी उसे डाईफैलिया था. लेकिन अब ट्रायफैलिया का केस सामने आया है, जो उससे भी दुर्लभ है.

कैसे होता है ट्रायफैलिया?

ऐसा माना जाता है कि इंसानी शरीर पर कई प्राइवेट आनुवंशिक उत्परिवर्तनों (Genetic Mutations) की वजह से बनते हैं. इसमें गर्भावस्था के चौथे और सातवें सप्ताह में भ्रूण के विकास के दौरान एंड्रोजन रिसेप्टर्स को प्रभावित करते हैं. मृत शख्स के तीन प्राइवेट पार्ट में से सबसे छोटे प्राइवेट पार्ट में मूत्रमार्ग नहीं था. वैज्ञानिकों का मानना है कि वो निष्क्रिय था. अक्सर देखा गया है कि एक से अधिक प्राइवेट पार्ट होना लक्षणहीन होता है, इसलिए जो लोग डाई या ट्रायफैलिया से पीड़ित हैं, वे अपना पूरा जीवन ये बिना महसूस किए जी सकते हैं कि उनके पास एक से अधिक प्राइवेट पार्ट हैं.

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