देश- राजस्थान: ‘न डरे थे, न डरेंगे…’, थप्पड़बाज नरेश मीणा के ट्वीट से खलबली, अलर्ट पर प्रशासन, हिंसा के बाद समरावता का क्या है हाल?- #NA
SDM को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा का ट्वीट.
राजस्थान के टोंक में पोलिंग बूथ पर SDM को थप्पड़ मारने वाला निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा (Naresh Meena Slap SDM) फिलहाल फरार है. बुधवार को उपचुनाव (Rajasthan By-Election) के दौरान नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी से हाथापाई कर उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था. इसके बाद बवाल ऐसा मचा कि देर रात पुलिस और नरेश मीणा के समर्थक आमने-सामने हो गए. निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना को पकड़ने पहुंची पुलिस पर गुस्साएं लोगों ने जमकर पथराव किया. तभी नरेश मीणा वहां से फरार हो गया. लेकिन अब उसके एक ट्वीट से पुलिस महकमे में खलबली मच गई है.
देर रात ढाई बजे नरेश मीणा ने ट्वीट किया- मैं ठीक हूं…ना डरे थे ना डरेंगे, आगे की रणनीति बता दी जायेगी. नरेश के इस ट्वीट के बाद पुलिस की कई टीमों ने उसकी तलाश और तेज कर दी है. प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके में देर रात से इंटरनेट सेवा बाधित कर रखी है. फिलहाल पूरा समरावता गांव छावनी में तब्दील हो रखा है. रातभर से अभी तक यहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है.
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पुलिस ने बताया- एसडीएम थप्पड़कांड में नरेश मीणा को पुलिस गिरफ्तार करने पहुंची तो समरावता (अलीगढ़) में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर आगजनी कर दी. पथराव में कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. वहीं, कई महिलाओं और पुरुषों के घायल होने की भी जानकारी सामने आई है. अब तक 20 जनों को अशांति व उपद्रव फैलाने के आरोप में पकड़ा है. आरोपियों पर सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा.
घरों और पुलिस वाहनों में लगाई आग
एक पुलिस अधिकारी ने बताया- जब पुलिस रात 9 बजे नरेश मीणा को समरावता गांव पकड़ने पहुंची तो भारी तादाद में भीड़ मौजूद थी. वहां रोष का माहौल था. ऐसे में उग्र भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज के साथ ही आंसू गैस के गोले दागने पड़े. ऐसे में मामला बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों ने मौके पर खड़े पुलिस वाहनो में आग लगा दी. जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई.
मैं ठीक हूँ…
ना डरे थे ना डरेंगे,
आगे की रणनीति बता दी जायेगी!— Naresh Meena (@NareshMeena__) November 13, 2024
गुस्साए लोगों ने कच्चे मकानों में भी आग लगा दी. ऐसे में घरों में बैठे लोगों ने मकान से भागकर अपनी जान बचाई. इसके बाद नरेश मीना को हिरासत में लिया गया. लेकिन, देर रात भीड़ ने पुलिस पर अचानक से हमला कर दिया और नरेश मीणा को छुड़ा लिया. इस हंगामे के बीच नरेश मीना भी घायल हुआ.
कहां और कैसे शुरू हुआ विवाद?
राजस्थान में 14 नवंबर तो 7 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई. दोपहर के समय वोटिंग के दौरान देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा तब अचानक पोलिंग बूथ पहुंचा. वह मतदान केंद्र में जबरन घुसने की कोशिश कर रहा था. प्रशासन और पुलिस के जवानों ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो उनसे उसकी हाथापाई हो गई.
नरेश मीणा आरोप लगा रहा था कि ईवीएम में उसके चुनाव चिन्ह को काफी हल्का कर दिया है. इससे उनके मतदाताओं को वोटिंग करने में परेशानी हो रही है. इसके साथ ही नरेश मीणा का कहना था कि इस गांव के लोगों की उपखंड मुख्यालय बदलवाने की मांग है. इसलिए उन्होंने वोटिंग का बहिष्कार किया है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी जबरन लोगों को धमकाकर वोट डलवा रहे हैं. बस यही बहस थप्पड़कांड में तब्दील हो गई.
नरेश मीणा को कांग्रेस ने क्यों निकाला?
नरेश मीणा पहले कांग्रेस पार्टी का नेता था. लेकिन देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय उपचुनाव लड़ने पर कांग्रेस ने नरेश मीणा को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निकाल दिया था. कांग्रेस ने देवली-उनियारा सीट से केसी मीणा को आधिकारिक प्रत्याशी बनाया है, जबकि इसी सीट से नरेश मीणा भी टिकट मांग रहा था. पार्टी ने उसे चेतावनी भी दी थी कि वो अपना नामांकन वापस ले ले. लेकिन नरेश ने उनकी बात नहीं मानी. जिस कारण उसे कांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया.
इससे पहले भी नरेश मीणा कांग्रेस से बगावत कर चुका था. 2023 के विधानसभा चुनाव में बगावत करते हुए नरेश ने छाबड़ा सीट से चुनाव लड़ा था. इसके बाद उसे राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उसकी पार्टी में वापसी हो गई थी. उसने लोकसभा चुनाव में भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया था, लेकिन बाद में पार्टी नेताओं ने उसे मना लिया था.
देवली-उनियारा सीट पर कांटे की टक्कर
सात सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. देवली-उनियारा सीट पर सबसे ज्यादा 3.02 लाख वोटर्स हैं. 7 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में 69 कैंडिडेट मैदान में है. उपचुनाव के नतीजे सरकार और विपक्ष दोनों के सियासी नरेटिव को तय करेगा. देवली-उनियारा सीट पर कांटे की टक्कर है.
देवली-उनियारा सीट कांग्रेस विधायक हरीश चंद्र मीणा के टोंक-सवाई माधोपुर से सांसद बनने के बाद खाली हुई है. कांग्रेस ने इस सीट पर केसी मीणा को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि भाजपा ने पहले विधायक रह चुके राजेंद्र गुर्जर को टिकट दिया है. नरेश मीणा कांग्रेस के बागी के तौर पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है.
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