देश- ED ने पूर्व विधायक और IAS को भेजा जेल, सियासी गलियारों में हड़कंप, जानें क्या है जल जीवन मिशन स्कैम?- #NA

गुलाब यादव और संजीव हंस.

बिहार में जल जीवन मिशन घोटाला और भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा अंतत: बिहार के सीनियर आईएएस संजीव हंस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व विधायक गुलाब यादव के ऊपर कस गया. ईडी ने इन दोनों को शुक्रवार की शाम गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने शुक्रवार सुबह ही इन दोनों के पटना और दिल्ली के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी.

ईडी के अधिकारी ने दोनों की गिरफ़्तारी की पुष्टि की है. गिरफ्तारी के बाद दोनों को ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया और शाम को बेऊर जेल भेज दिया गया.

एक पटना दूसरा दिल्ली से गिरफ्तार

मिली जानकारी के अनुसार सुबह सबेरे जब ईडी ने संजीव हंस और आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर रेड मारी, तब उसने एक एक चीज का बारिकी से अध्ययन किया. बाद में देर शाम ईडी ने इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया. मिली जानकारी के अनुसार संजीव हंस को राजधानी में उर्जा स्टेडियम के पास स्थित सरकारी आवास से जबकि गुलाब यादव को दिल्ली के एक रिसोर्ट से गिरफ्तार किया गया.

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

दरअसल संजीव हंस के खिलाफ ईडी मनी लॉड्रिंग का की जांच कर रही है. शुक्रवार को इसी मामले में ईडी ने संजीव हंस के पटना स्थित सरकारी आवास पर रेड मारा साथ ही गुलाब यादव के तीन अलग-अलग ठिकानों पर भी रेड मारी गयी. सुबह सवेरे हुई इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया.

तोड़ा गया था दरवाजा

इससे पहले जब जुलाई में ईडी ने संजीव हंस और गुलाब यादव के ठिकानों पर जुलाई में रेड मारी थी तब खलबली मच गयी थी. तब यह भी चर्चा जोरों पर थी कि जब संजीव हंस ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था. ईडी के अधिकारियों के द्वारा कई बार कहे जाने पर भी संजीव हंस ने दरवाजा नहीं खोला था, तब ईडी के अधिकारियों ने दरवाजे को तोड़ दिया था. इसके बाद संजीव हंस सामने आये थे.

भारी रकम की लेनदेन की जानकारी

जुलाई माह में जब ईडी ने इन दोनों के ही ठिकानों पर रेड मारी थी, तब यह लगातार कई घंटे तक चली थी. रेड में ईडी को कई अहम दस्तावेज हाथ लगे थे. बरामद दस्तावेज में बैंकों से लाखों रूपये के लेनदेन, साझा कारोबार और दिल्ली तथा पुणे में कुछ साझा संपत्तियों से जुडे दस्तावेज भी ईडी के हाथ लगे थे. दस्तावेज से यह भी सामने आया था कि गुलाब यादव की ठेकेदारी समेत अन्य कारोबार में संजीव हंस की पत्नी या फिर खुद संजीव हंस की हिस्सेदारी शामिल थी.

अकूत संपत्ति की जानकारी

उस छापेमारी में यह भी सामने आया था कि ईडी को इन दोनों के ही ठिकानों से 40 लाख रूपये से भी ज्यादा की मूल्य वाली बेशकीमती घड़ियां, एक किलो से ज्यादा सोने की ज्वेलरी को ईडी की टीम ने बरामद किया था. बता दें कि संजीव हंस पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के साथ ही अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने के अलग-अलग मामले चल रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार ईडी के ही पहल पर बिहार की विशेष निगरानी इकाई (स्पेशल सर्विलांस यूनिट) ने संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. यूनिट की इसी कार्रवाई के आधार पर ईडी ने कुछ दिन पहले ही संजीव हंस और गुलाब यादव के साथ संजीव हंस की पत्नी समेत कई अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. ऐसी खबर है कि संबंधित नए केस के आधार पर ही ईडी ने शुक्रवार को रेड मारा था.

पंजाब के निवासी हैं संजीव हंस

संजीव हंस मूल रूप से पंजाब के निवासी हैं. 1997 में उन्होंने यूपीएससी को क्लियर किया था, जिसके बाद उनको बिहार कैडर मिला. संजीव हंस ने इंजीनियरिंग में अपनी बैचलर डिग्री प्राप्त की थी और उसके बाद उन्होंने यूपीएससी में सफलता हासिल की. बिहार में उन्हें सबसे पहले बांका का एसडीएम बनाया गया था. इसके बाद वह कई जिलों के डीएम भी रहे. प्रमोशन के बाद वह बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बिहार स्टेट पावर हाेल्डिंग कंपनी लिमिटेड के सचिव, एमडी के पद पर भी रहे.

आरजेडी का विधायक रहे गुलाब यादव

गुलाब यादव आरजेडी के पूर्व विधायक हैं. आरजेडी की ही टिकट पर गुलाब यादव ने झंझारपुर से जीत दर्ज की थी. 2019 में गुलाब यादव ने झंझारपुर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन उनको सफलता नहीं मिल सकी थी.

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