यूपी- बांदा: ई-रिक्शा में QR कोड, स्कैन करते ही खुल जाएगी ड्राइवर की कुंडली; मालिक भी नहीं हो सकेंगे फरार – INA

उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार काफी अलर्ट मोड में है. इस क्रम में बांदा पुलिस ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है. बांदा एसपी ने ई-रिक्शा के लिए क्यूआर कोड जारी करने के निर्देश दिए हैं. इन क्यूआर कोड में रिक्शा चालाक और उसके मलिक की जानकारी दर्ज होगी. कोई भी आसानी से क्यूआर कोड स्कैन कर रिक्शा चालक और मलिक के बारे में जान पाएगा. साथ ही रिक्शों में जीपीएस चीप भी लगाई जाएगी, जिससें उन्हें आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा.

बांदा पुलिस परिवहन विभाग के साथ मिलकर क्यूआर कोड जारी करेगी, जिसमें हर ई-रिक्शा चालक और उसके मालिक की पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी. एसपी ने ट्रैफिक पुलिस टीम और ई-रिक्शा चालकों के साथ बैठक कर इस पहल की शुरुआत नवरात्रि के पहले दिन से की है. क्यूआर कोर्ड सेवा शुरू करने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को कम करना हैं. साथ ही ई-रिक्शे को नाबालिग चालकों के चलाने से रोकना भी है.

सुरक्षा के लिए लगेगा क्यूआर कोड

पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक बांदा अंकुर अग्रवाल ने बताया है कि महिला या बच्चियों जो ई-रिक्शा में सफर करती है, उन्हें क्यूआर कोड से पता चल जाएगा कि रिक्शे का मालिक कौन है. साथ ही उन्हें पता चल जाएगा कि रिक्शे का ड्राइवर कौन है. इन सभी बातों को ई रिक्शे में सफर कर रहे लोग आसानी से क्यूआर कोड स्कैन करके पता कर सकेंगे.

GPS से ट्रेस किए जा सकेंगे ई रिक्शे

पुलिस अधीक्षक बांदा ने अपील करते हुए कहा है कि मैं सभी बांदा की महिलाओं और बच्चियों से अपील करता हूं कि वह जैसे ही ई-रिक्शा में बैठे अपने मोबाइल से ई-रिक्शे में लगा हुआ क्यूआर कोड स्कैन कर ले. स्कैन करने के बाद उसकी जानकारी अपने परिजनों और पुलिस को अवश्य शेयर कर दे. इससे ई रिक्शों की लोकेशन ट्रेस होती रहेगी. क्योंकि सभी रिक्शों में GPS चिप लगाई जाएगी, जिससें आसानी से रिक्शों को ट्रेस किया जा सकेगा.


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