यूपी – सड़क हादसे बने जानलेवा: डंपर से कुचलकर पूर्व प्रधान के भतीजे की गई जान, रामनगर में मां-बेटे की माैत – INA

दलपतपुर अंडरपास के करीब सोमवार शाम डंपर ने बाइक सवार चिरंजीत (25) को टक्कर मारी दी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गुस्साए परिजनों हंगामा किया। बाद में सीओ ने समझाबुझाकर उन्हें शांत कराया। सिरसखेड़ा निवासी पूर्व प्रधान रामस्वरूप का भतीजा चिरंजीत मजदूर कर परिवार का पोषण करता था।
सोमवार शाम वह बाइक से पत्नी मोनिका और छह माह के बेटे के साथ दलपतपुर में खरीदारी करने गया था। लौट समय दलपतपुर अंडरपास के करीब मुरादाबाद की ओर से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने बाइक में टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप घायल हो गया। जबकि पत्नी के हल्की चोटें आईं।
बेटा सुरक्षित बच गया है। सूचना पर पहुंचे परिजन चिरंजीत को मुरादाबाद निजी अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजनों कार में शव लेकर मूंढापांडे थाने पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया।
चालक तत्काल गिरफ्तारी की मांग करने लगे। सीओ हाईवे कुलदीप कुमार और एसएचओ आरपी शर्मा ने चालक की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया तो परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हो गए। एसएचओ आरपी शर्मा ने बताया कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। डंपर को कब्जे में ले लिया है।
रामनगर में सड़क हादसे में मां-बेटे की गई जान
दढ़ियाल क्षेत्र के ग्राम भाऊपुरा निवासी मां-बेटे की सोमवार सुबह उत्तराखंड के रामनगर में सड़क हादसे में मौत हो गई। मां-बेटे सोमवार की सुबह रामनगर से बाइक से घर लौट रहे थे। काशीपुर-रामनगर मार्ग पर पीरुमदारा के पास डंपर ने बाइक में टक्कर मार दी जिसमें दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
क्षेत्र के ग्राम भाउपुरा निवासी जलीस अहमद खेती मजदूरी कर अपना परिवार चलाते हैं। उनके एक भाई जलील अहमद का परिवार रामनगर के पास तिलखिया टांडा में रहता है। रविवार को जलीस अहमद का सबसे छोटा पुत्र फैजान (21) अपनी मां जैनब के साथ रामनगर के तिलखिया टांडा गांव स्थित ताऊ जलील अहमद के घर गया था।
सोमवार की सुबह दोनों बाइक से घर लौट रहे थे। रास्ते में काशीपुर-रामनगर मार्ग पर पीरुमदारा के पास उनकी बाइक को सामने से आ रहे डंपर ने टक्कर मार दी। परिजनों के अनुसार हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर बिलखते परिजन रामनगर पहुंच गए और पोस्टमार्टम के बाद दोपहर को दोनों के शव घर ले आए।
मां-बेटे की मौत से जहां गांव में शोक है तो वहीं परिजन गहरे सदमे में हैं। फैजान चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था और सभी का लाडला था।