सेहत – इस तरह माता-पिता बच्चों में एडीएचडी नामक मानसिक बीमारी के बारे में पता लगा सकते हैं। तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.

कोटा:- एडीएचडी बचपन में होने वाला एक सामान्य मानसिक विकार है। इस विकास में दैहिक विकार शामिल हैं जिनमें ध्यान देना, हाइपरएक्टिवनेस या सक्रियता शामिल है। ईसा मसीह के जीवन से प्रभावित होने वाला यह रोग बचपन में ही शुरू होता है। दुनिया में 100 से 8 बच्चों में एडीएचडी होता है और भारत में 100 से 2-17 बच्चों में यह पाया जाता है। यह सबसे ज्यादा 9-10 साल के बच्चों की उम्र होती है। एडीएचडी यानी हाइपरटेंशन डिसऑर्डर, बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। लेकिन आजकल एडल्ट्स भी अपने गांव में आ रहे हैं। यह ऐसी मानसिक विकार है, जिसमें दिमाग का विकास सामान्य इंसान की तुलना में धीरे-धीरे या ठीक से नहीं होता है। इसमें युवाओं पर फोकस करने में गरीबी और बदहाली की समस्याएं शामिल हैं।

वर्कशॉप में ADHD क्या है?
मनोचिकित्सक और काउंसलर,डॉ. नीना विजय श्रेणी (एमबीबीएस, डीपीएम साइकेट्री), कक्षा पीएस ने इसके लक्षण, संभावित कारण, अफवाह और तथ्य, समाधान के बारे में चर्चा की। उन्होंने कार्यशाला के दौरान काउंसलर और विशेषज्ञ की टीम द्वारा दी गई जानकारी के बारे में बताया, जिसमें अभिभावक कैसे अपने बच्चों में होने वाले उल्टे अभ्यास के बदलावों को पहचानना, बीमारी के प्रभाव को कम करना और बच्चों की मदद करना भी शामिल है। यह विद्यालय सभी उम्र और वर्ग के लोगों के लिए है। एफ़िनिटी हॉस्पिटल की ओर से डिज़ाइन की मदद के लिए एक मुफ्त नंबर (18008906996) भी जारी किया गया है। साथ ही हॉस्पिटल से संपर्क करने के लिए 6350180497 या 8005649782 पर कॉल कर सकते हैं।

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एडीएचडी के कुछ लक्षण
फोकस करने में परेशानी होना,आसानी से डिस्टर्ब हो जाना।काम करना हुआ जल्दी जल्दी जाना। याद रखें और सहेजे गए के रखरखाव में लोड का सामना करना पड़ रहा है। इसके खुलासे में फोकस करने में परेशानी, व्यवहार को नियंत्रित करने में परेशानी और अति सक्रियता शामिल है। इससे पीड़ित बच्चों में सीखने की कमी भी हो सकती है। इससे पीड़ित बच्चों में मानसिक, व्यवहारिक और भावनात्मक तनाव का खतरा अधिक होता है। इसके रहस्योद्घाटन में सुधार के लिए योग, ताई ची और बाहरी समय का सहारा शामिल है। एडीएचडी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।


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