सेहत – ठंड के मौसम में ऊर्जा और स्वास्थ्य के लिए बाजरा आहार आयुर्वेद लाभ सा

कब: ठंड के मौसम में शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार आहार में बदलाव करना जरूरी है, ताकि स्वास्थ्य बेहतर बने रहे। आयुर्वेद के अनुसार, हर मौसम के अनुसार मानक खान-पान करना चाहिए, जिससे हमारा शरीर पर्यावरण के साथ सुसंगत हो सके। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार राय, जो पिछले 30 वर्षों से सागर से क्षेत्र में सेवा दे रहे हैं, का कहना है कि दिवाली के बाद ठंड आ जाती है और इस समय आहार में बदलाव करने का है। ठंड के मौसम में शरीर को अधिक ऊर्जा और पोषण की आवश्यकता होती है, जिससे मिलेट (किस्म-किस्म के अनाज) का सेवन पूरा किया जा सकता है।

मिलेट्स का महत्व
लोकल 18 से बात करते हुए डॉ. राय ने बताया कि आपके आहार में मिलेट्स का शामिल होना ठंड के दौरान काफी खतरनाक होता है। बाजरा में ज्वार, बाजरा, रागी, अलसी, कुट्टू और मक्का शामिल होते हैं। इन अनाजों के सेवन के लिए आटे के टुकड़ों का विवरण देना चाहिए। उदाहरण के लिए, 1 किलो आटे के आटे में 250-250 ग्राम ज्वार, बाजरा, रागी, अल, कुट्टू, और मोटा आटा, पूरी या पराठा बना सकते हैं. इस मिश्रण का ग्लाइसेमिक अणु कम होता है, जिससे यह धीरे-धीरे पचता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता।

न्यूज़ीलैंड के लिए
समुद्र तट के लिए यह आहार बहुत होता है क्योंकि इससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है। इसके सेवन से कम से कम 5-6 घंटे तक भूख नहीं लगती और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है।

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शरीर को असामान्य गरमाहट
ठंड के मौसम में इस प्रकार का आहार न केवल शरीर को गर्माहट प्रदान करता है, बल्कि पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है। मिलेट्स में उच्च मात्रा में वनस्पति, विटामिन, और स्वाद होते हैं, जो शरीर की रोग संबंधी क्षमता को प्रभावित करते हैं। यह शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ वजन नियंत्रण में भी मदद करता है। दरअसल ठंड के मौसम में इन अनाजों का नियमित सेवन करें और स्वस्थ रहें।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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