सेहत – स्वास्थ्य युक्तियाँ: समुद्र के मौसम में बच्चों की बीमारी से डरें नहीं, इन नामांकन से पहले, जानें अध्ययन से

चित्र: यूपी के जिलों में ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। खासकर ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में बच्चों की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में ठंड के मौसम में बच्चों को विशेष रूप से अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। क्योंकि इस दौरान विभिन्न समुदायों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषकर पाठा क्षेत्र के आदिवासी समाज के बच्चे ठंड से अधिक प्रभावित भी होते हैं। ऐसे में ठंड के मौसम में अपने बच्चों को ठंड से बचाव का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

डॉक्टर ने दी जानकारी

वहीं, पिक्सल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर तनवीर ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि ठंड में बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे वह ठंड, ठंड, बुखार, निमोनिया जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। चिप्स जैसे जंगली और वन्य जीव पर रातें बहुत ही अनमोल होती हैं। यहां बच्चों के लिए मिलते हैं ये खतरे और भी बढ़ जाते हैं। इसके अलावा बच्चों के शरीर का तापमान तेजी से गिरता है, जिससे हाइपोथर्मिया का खतरा भी बढ़ सकता है।

बच्चों को ठंड से बचने के ये हैं उपाय

डॉक्टर तनवीर ने बताया कि ठंड के समय बच्चों को गर्म कपड़े और सूती कपड़ों की जगह ऊनी या ऊनी सामग्री से बने कपड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही रात के समय घर के बाहर या अंदर मिट्टी के बर्तनों में आग जलाने वाले बच्चों को गर्म जगह पर ही रखा जाता है, जिससे वह हवा से सुरक्षित रहें और बाहर ठंड न लगे।

ठंड में ठंड का खतरा बढ़ जाता है

उनका कहना है कि ठंड के मौसम में बच्चों के लिए सबसे बड़ा खतरा निमोनिया और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शिशु के लिए शिशु को स्वस्थ्य हवा से बचाकर रखना चाहिए और उन्हें नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए। इसके अलावा इंजेक्शन-जुकाम के लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार करना जरूरी है।


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